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[प्रज्ञापनासूत्र - गोयमा ! सव्वत्थोवा गब्भवक्कं तियतिरिक्खजोणिया सुक्कलेस्सा, सुक्कलेस्साओ तिरिक्खजोणिणीओ संखेजगुणाओ, पम्हलेस्सा गब्भवक्कंतियतिरिक्खजोणिया संखेजगुणा, पम्हलेस्साओ तिरिक्खजोणिणोओ संखेजगुणाओ, तेउलेस्सा गब्भवक्कंतिरिक्खजोणिया संखेजगुणा, तेउलेस्साओ तिरिक्खजोणिणीओ संखेजगुणाओ, काउलेस्सा तिरिक्खजोणिया संखेजगुणा, णीललेस्सा० विसेसाहिया, कण्हलेस्सा० विसेसाहिया, काउलेस्साओ० संखेजगुणाओ० णीललेस्साओ विसेसाहियाओ, कण्हलेस्साओ० विसेसाहियाओ, काउलेस्सा सम्मुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणिया असंखेजगुणा, णीललेस्सा० विसेसाहिया, कण्हलेस्सा० विसेसाहिया ।
[११८०-८ प्र.] भगवन् ! कृष्ण लेश्या वाले से लेकर शुक्ललेश्या वाले इन सम्मूर्छिमपंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिकों, गर्भज-पंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिकों तथा तिर्यञ्चयोनिकस्त्रियों में कौन, किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ?
[११८०-८ उ.] गौतम! सबसे थोड़े शुक्ललेश्या वाले गर्भज (पंचेन्द्रिय) तिर्यञ्चयोनिक हैं, उनसे शुक्ललेश्या वाली (गर्भज पंचेन्द्रिय) र्यिञ्चस्त्रियां संख्यातगुणी हैं, उनसे पद्मलेश्या वाले गर्भज पंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिक संख्यातगुणे हैं, उनसे पद्मलेश्या वाली (गर्भज-पंचेन्द्रिय) तिर्यञ्चस्त्रियां संख्यातगुणी हैं, उनसे तेजोलेश्या वाले गर्भज पंचेन्द्रियतिर्यञ्च संख्यातगुणे हैं, उनसे तेजोलेश्या वाली (गर्भज-पंचेन्द्रिय) तिर्यञ्चस्त्रियां संख्यातंगुणी हैं, उसे कापोतलेश्या वाले (गर्भज-पंचेन्द्रिय-) तिर्यञ्चयोनिक संख्यातगुणे हैं, उनसे नीललेश्या वाले (तथारूप तिर्यञ्च) विशेषाधिक हैं, उनसे कृष्णलेश्या वाले (तथारूप-तिर्यञ्च) विशेषाधिक हैं, उनसे कापोतलेश्या वाली (तथारूप-तिर्यञ्चस्त्रियां) संख्यातगुणी हैं, उनसे नीललेश्या वाली (तथारूप तिर्यञ्चस्त्रियां) विशेषाधिक हैं, उनसे कृष्णलेश्या वाली (तथारूप तिर्यञ्चस्त्रियां) विशेषाधिक हैं, (उनसे) कापोतलेश्या वाले सम्मूर्छिमपंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिक असंख्यातगुणे हैं, उनसे नीललेश्या वाले (सम्मूर्छिम पंचेन्द्रिय -तिर्यञ्चयोनिक) विशेषाधिक हैं, उनसे कृष्णलेश्या वाले सम्मूर्च्छिम-पंचेन्द्रियतिर्यञ्च
विशेषाधिक हैं ।
[९] एतेसि णं भंते ! पंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं तिरिक्खजोणिणीय य कण्हलेस्साणं जाव सुक्कलेस्साण य कतरे कतरेहिंतो अप्पा वा ४ ?
गोयमा ! सव्वत्थोवा पंचेंदियतिरिक्खजोणिया सुक्कलेसा, सुक्कलेस्साओ० संखेजगुणाओ, . पम्हलेस्सा० संखेजगुणा, पम्हलेस्साओ० संखेजगुणाओ, तेउलेस्सा० संखेजगुणा, तेउलेस्साओ०
संखेजगुणाओ, काउलेस्साओ० संखेजगुणाओ, णीललेस्साओ० विसेसाहियाओ, कण्हलेस्साओ० विसेसाहियाओ, काउलेस्सा० असंखेजगुणा, णीललेस्सा० विसेसाहिया, कण्हलेस्सा० विसेसाहिया।
[११८०-९ प्र.] भगवन् ! इन कृष्णलेश्या वाले से लेकर शुक्ललेश्या वाले पंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिकों और तिर्यञ्चस्त्रियों में से कौन, किनसे अल्प, बहुत्व, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ?