SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 308
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सत्तरहवाँ लेश्यापद : द्वितीय उद्देशक [२८७ [११५८ प्र.] भगवन् ! तिर्यञ्चयोनिक जीवों में कितनी लेश्याएँ कही गई हैं ? [११५८ उ.] गौतम ! (उनमें) छह लेश्याएँ होती हैं, वे इस प्रकार- कृष्णलेश्या से लेकर शुक्ललेश्या तक । ११५९. एगिंदियाणं भंते ! कति लेस्साओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! चत्तारि लेस्साओ। तं जहा- कण्हलेस्सा जाव तेउलेस्सा । [११५९ प्र.] भगवन् ! एकेन्द्रिय जीवों में कितनी लेश्याएँ कही हैं ? [११५९ उ.] गौतम ! (उनमें) चार लेश्याएँ होती हैं। वे इस प्रकार- कृष्णलेश्या से तेजोलेश्या तक । ११६०. पुढविक्काइयाणं भंते ! कति लेस्साओ? गोयमा ! एवं चेव । [११६० प्र.] भगवन् ! पृथ्वीकायिक जीवों में कितनी लेश्याएँ होती हैं ? . [११६० उ.] गौतम ! इनमें भी इसी प्रकार (चार लेश्याएँ समझनी चाहिए ।) ११६१. आउ-वणस्सइकाइयाण वि एवं चेव । [११६१] इसी प्रकार अप्कायिकों और वनस्पतिकायिकों में भी चार लेश्याएँ (जाननी चाहिए।) ११६२. तेउ-वाउ-बेइंदिय-चउरिदियाणं जहा णेरइयाणं (सु. ११५७) । [११६२] तेजस्कायिक, वायुकायिक, द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय और चतुरिन्द्रिय जीवों में (सू. ११५७ में उक्त) नैरयिकों की तरह (तीन लेश्याएँ होती हैं।) ११६३.[१] पंचेंदियतिरक्खजोणियाणं पुच्छा? गोयमा ! छल्लेसाओ, कण्हलेस्सा जाव सुक्कलेस्सा । [११६३-१ प्र.] भगवन् ! पंचेन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिक जीवों में कितनी लेश्याएं होती हैं ? [११६३-१ उ.] गौतम ! (उनमें) छह लेश्याएँ होती हैं, यथा- कृष्णलेश्या से शुक्ललेश्या तक। [ २ ] सम्मुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा ? गोयमा ! जहा णेरइयाणं (सु. ११५७) । [११६३-२ प्र.] भगवन् ! सम्मूछिम-पंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिक जीवों में कितनी लेश्याएँ होती हैं ? [११६३-२ उ.] गौतम ! नारकों के समान (प्रारम्भ की तीन लेश्याएँ) समझनी चाहिए । [३] गब्भवक्कंतियपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा?
SR No.003457
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1984
Total Pages545
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy