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________________ औदारिकशरीर में प्रमाणद्वार वैक्रियशरीर में विधिद्वार वैक्रियशरीर में संस्थानद्वार वैक्रियशरीर में प्रमाणद्वार आहारकशरीर-भेद-स्वामी आहारकशरीर में संस्थानद्वार आहारकशरीर में प्रमाणद्वार तैजसशरीर में विधिद्वार तैजसशरीर में संस्थानद्वार तैजसशरीर में प्रमाणद्वार कार्मणशरीर में विविध संस्थान - प्रमाणद्वार पुद्गलचयनद्वार शरीरसंयोगद्वार द्रव्य-प्रदेश - अल्पबहुत्वद्वार शरीरावगाहना-अल्पबहुत्वद्वार बाईसवाँ क्रियापद प्राथमिक क्रिया- भेद-प्रभेदप्ररूपणा जीवों के सक्रियत्व - अक्रियत्व की प्ररूपणा जीवों की प्राणातिपातादिक्रिया तथा विषय की प्ररूपणा क्रियाहेतुक कर्मप्रकृतिबन्ध की प्ररूपणा जीवादि के कर्मबन्ध को लेकर क्रियाप्ररूपणा जीवादि में एकत्व और पृथक्त्व से क्रियाप्ररूपणा चौवीस दण्डकों में क्रियाप्ररूपणा जीवादि में क्रियाओं के सद्भाव की प्ररूपणा जीवादि में आयोजिताक्रिया की प्ररूपणा जीव में क्रियाओं के स्पृष्ट- अस्पृष्ट होने की चर्चा प्रकारान्तर से क्रियाओं के भेद और उनके स्वामित्व की प्ररूपणा चौवीस दण्डकों में क्रियाओं की प्ररूपणा जीवों में क्रियाओं के सद्भाव की प्ररूपणा जीव आदि में पापस्थानों से विरति की प्ररूपणा पापस्थानविरत जीवों के कर्मप्रकृतिबन्ध की प्ररूपणा पापस्थानविरत जीवादि में क्रियाभेद निरूपण आरम्भिकी आदि क्रियाओं का अल्पबहुत्व [१८] ४६८ ४७६ ४८५ ४८९ ४९६ ५०३ ५०४ ५०४ ५०६ ५०७ ५१५ ५१६ ५१८ ५२१ ५२४ ५२६ ५२९ ५३१ ५३२ ५३६ ५३८ ५४० ५४७ ५४७ ५५१ ५५२ ५५३ ५५५ ५५५ ५५९ ५६१ ५६५ ५६८
SR No.003457
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1984
Total Pages545
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size11 MB
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