SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 18
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १९२ सातवाँ, आठवाँ, नौवाँ, दसवाँ, इन्द्रिय-अवग्रहण-अवाय-ईहा-अवग्रह द्वार ग्यारहवाँ द्रव्येन्द्रियद्वार बारहवाँ भावेन्द्रियद्वार १९७ २२५ सोलहवाँ प्रयोगपद प्राथमिक प्रयोग और उसके प्रकार समुच्चयजीवों और चौवीस दंडकों में प्रयोग की प्ररूपणा समुच्चय जीवों में विभाग से प्रयोगप्ररूपणा नारकों और भवनपतियों की विभाग से प्रयोगप्ररूपणा एकेन्द्रियों, विकलेन्द्रियों और तिर्यच पंचेन्द्रियों की प्रयोगप्ररूपणा मनुष्यों में विभाग से प्रयोगप्ररूपणा गतिप्रपात के भेद-प्रभेद एवं उनके स्वरूप का निरूपण २३० . २३२ २३४ २३६ २३८ २३९ २४१ २५० २६३ २६५ २६६ २७२ २७७ २७९ २८० २८१ सत्तरहवाँ लेश्यापद प्रथम उद्देशक प्राथमिक प्रथम उद्देशक में वर्णित सप्त द्वार नारकों में समाहारदि सात द्वारों की प्ररूपणा असुरकुमारदि में समाहारादि सात द्वारों की प्ररूपणा मनुष्य में समाहारादि सात द्वारों की प्ररूपणा वाणव्यन्तर, ज्योतिष्क एवं वैमानिकों की आहारादि-प्ररूपणा सलेश्य चौवीसदंडकवर्ती जीवों की आहारादि सप्तद्वार-प्ररूपणा कष्णादिलेश्याविशिष्ट चौवीसदंडकों में आहारादि सप्तद्वार-प्ररूपणा द्वितीय उद्देशक लेश्या के भेदों का निरूपण चौवीस दण्डकों में लेश्यासम्बंधी प्ररूपणा सलेश्य अलेश्य जीवों का अल्पबहुत्व विविध लेश्याविशिष्ट चौवीस दण्डकवर्ती जीवों का अल्पबहुत्व सलेश्य सामान्य जीवों और चौवीस दण्डकों में ऋद्धिक अल्पबहुत्व तृतीय उद्देशक चौवीस दण्डकवर्ती जीवों में उत्पाद-उद्वर्तन-प्ररूपणा लेश्यायुक्त दण्डकवर्ती जीवों में उत्पाद-उद्वर्तन-प्ररूपणा कृष्णादि लेश्या वाले नैरयिकों में अवधिज्ञान-दर्शन से जानने-देखने का तारतम्य कृष्णादि लेश्यायुक्त जीवों में ज्ञान की प्ररूपणा [ १५ ] २८६ २८६ २९० २९१ ३०५ ३०९ ३१० ३१७ ३२०
SR No.003457
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1984
Total Pages545
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy