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________________ सप्तम उच्छ्वासपद ] [५२५ ७१६. हेटिमउवरिमगेवेजगा देवा णं भंते! केवतिकालस्स जाव नीससंति वा ? गोयमा! जहण्णेणं चउवीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा,उक्कोसेणं पणुवीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा। [७१६ प्र.] भगवन् ! अधस्तन-उपरितन ग्रैवेयक के देव कितने काल से (आन्तरिक) उच्छ्वास यावत् (बाह्य) नि:श्वास लेते हैं ? [७१६ उ.] गौतम! (वे) जघन्यतः चौबीस पक्षों में और उत्कृष्टतः पच्चीस पक्षों में (अन्तःस्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्यस्फुरित) नि:श्वास लेते हैं। ७१७. मज्झिमहेट्ठिमगेवेज्जगा देवा णं भंते! केवतिकालस्स जाव नीससंति वा ? गोयमा! जहण्णेणं पणवीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा, उक्कोसेणं छव्वीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा। [७१७ प्र.] भगवन्! मध्यम-अधस्तनौवेयक देव कितने काल से (आन्तरिक) उच्छ्वास यावत् (बाह्य) निःश्वास लेते हैं ? __ [७१७ उ.] गौतम ! (वे) जघन्यतः पच्चीस पक्षों में और उत्कृष्टतः छब्बीस पक्षों में (अन्तःस्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्यस्फुरित) नि:श्वास लेते हैं। ७१८. मज्झिममज्झिमगेवज्जगदेवा णं भंते! केवतिकालस्स जाव नीससंति वा ? __ गोयमा! जहण्णेणं छव्वीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा, उक्कोसेणं सत्तावीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा। [७१८ प्र.] भगवन् ! मध्यम-मध्यमग्रैवेयक देव कितने काल से (आन्तरिक) उच्छ्वास यावत् (बाह्य) नि:श्वास लेते हैं ? [७१८ उ.] गौतम! (वे) जघन्यतः छव्वीस पक्षों में और उत्कृष्टतः सत्ताईस पक्षों में (अन्तःस्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्यस्फुरित) नि:श्वास लेते हैं। ७१९. मज्झिमउवरिमगेवेज्जगा णं भंते! देवा केवतिकालस्स जाव नीससंति वा ? गोयमा! जहण्णेणं सत्तावीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा, उक्कोसेणं अट्ठावीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा। ___ [७१९ प्र.] भगवन् ! मध्यम उपरितनग्रैवेयक देव कितने काल से (आन्तरिक) उच्छ्वास यावत् (बाह्य) नि:श्वास लेते हैं ? ___[७१९ उ.] गौतम! (वे) जघन्यतः सत्ताईस पक्षों में और उत्कृष्टतः अट्ठाईस पक्षों में (अन्तःस्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्यस्फुरित) नि:श्वास लेते हैं। ७२०. उवरिमहेट्ठिमगेवेज्जगा णं भंते! देवा केवतिकालस्स जाव नीससंति वा ?
SR No.003456
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1983
Total Pages572
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size12 MB
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