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[प्रज्ञापना सूत्र [७११ उ.] गौतम! (वे) जघन्यतः उन्नीस पक्षों में और उत्कृष्टतः बीस पक्षों में (अन्तःस्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्यस्फुरित) नि:श्वास लेते हैं।
७१२. आरणदेवा णं भंते! केवतिकालस्स जाव नीससंति वा ?
गोयमा! जहण्णेणं वीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा, उक्कोसेणं एगवीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा।
[७१२ प्र.] भगवन् ! आरणकल्प के देव कितने काल से (अन्तःस्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्यस्फुरित) नि:श्वास लेते हैं? . [७१२ उ.] गौतम! (वे) जघन्यतः बीस पक्षों में और उत्कृष्टतः इक्कीस पक्षों में (अन्तःस्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्यस्फुरित) नि:श्वास लेते हैं। ___७१३. अच्चुयदेवा णं भंते! केवतिकालस्स जाव नीससंति वा ?
गोयमा! जहण्णेणं एक्कवीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा, उक्कोसेणं बावीसाए, पक्खाणं जाव नीससंति वा।
[७१३ प्र.] भगवन् ! अच्युतकल्प के देव कितने काल से (अन्तःस्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्यस्फुरित) नि:श्वास लेते हैं ?
. [७१३ उ.] गौतम! (वे) जघन्यतः इक्कीस पक्षों में और उत्कृष्टतः बाईस पक्षों में (अन्तःस्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्यस्फुरित) नि:श्वास लेते हैं।
७१४. हेट्ठिमहेट्ठिमगेवेज्जगदेवा णं भंते! केवतिकालस्स जाव नीससंति वा ?
गोयमा! जहन्नेणं बावीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा, उक्कोसेणं तेवीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा।
[७१४ प्र.] भगवन् ! अधस्तन-अधस्तनौवेयक देव कितने काल से (आन्तरिक) उच्छ्वास यावत् (बाह्य) निःश्वास लेते हैं ?
[७१४ उ.] गौतम! (वे) जघन्यतः बाईस पक्षों में और उत्कृष्टतः तेईस पक्षों में (अन्तःस्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्यस्फुरित) निःश्वास लेते हैं।
७१५. हेट्ठिममज्झिमगेषेज्जगदेवा णं भंते! केवतिकालस्स जाव नीससंति वा ?
गोयमा! जहण्णेणं तेवीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा, उक्कोसेणं चउवीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा।
[७१५ प्र.] भगवन् ! अधस्तन-मध्यमग्रैवेयक देव कितने काल से (आन्तरिक) उच्छ्वास यावत् (बाह्य) नि:श्वास लेते हैं ?
[७१५ उ.] गौतम ! (वे) जघन्यतः तेईस पक्षों में और उत्कृष्टत: चौबीस पक्षों में (अन्त:स्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्यस्फुरित) नि:श्वास लेते हैं।