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[प्रज्ञापना सूत्र
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गोयमा! जहण्णेणं सातिरेगस्स मुहूत्तपुहुत्तस्स, उक्कोसेणं सातिरेगाणं दोण्हं पक्खाणं जाव नीससंति वा।
[७०३ प्र.] भगवन् ! ईशानकल्प के देव कितने काल से (अन्तःस्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्य) निःश्वास लेते हैं ?
[७०३ उ.] गौतम! (वे) जघन्यतः सातिरेक (कुछ अधिक) मुहूर्तपृथक्त्व में और उत्कृष्टतः सातिरेक (कुछ अधिक) दो पक्षों में (अन्तःस्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्य) नि:श्वास लेते हैं।
७०४. सणंकुमारदेवा णं भंते! केवतिकालस्स आणमंति जाव नीससंति वा ?
गोयमा! जहण्णेणं दोण्हं पक्खाणं जाव णीससंति वा, उक्कोसेणं सत्तण्हं पक्खाणं जाव नीससंति वा।
[७०४ प्र.] भगवन् ! सनत्कुमार देव कितने काल से (अन्तःस्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्य) निःश्वास लेते हैं ?
[७०४ उ.] गौतम! वे जघन्यतः दो पक्ष में (अन्तः स्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्य) नि:श्वास लेते हैं और उत्कृष्टतः सात पक्षों में (अन्तःस्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्य) नि:श्वास लेते हैं।
७०५. माहिंदगदेवा णं भंते! केवतिकालस्स आणमंति वा जाव नीससंति वा ?
गोयमा! जहण्णेणं सातिरेगाणं दोण्हं पक्खाणं जाव नीससंति वा, उक्कोसेणं सातिरेगाणं सत्तण्हं पक्खाणं जाव नीससंति वा।
[७०५ प्र.] भगवन् ! माहेन्द्रकल्प के देव कितने काल से (अन्तःस्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्य) निःश्वास लेते हैं ?
[७०५ उ.] गौतम! (वे)जघन्यतः सातिरेक (कुछ अधिक) दो पक्षों में और उत्कृष्टतः सातिरेक (कुछ अधिक) सात पक्षों में (अन्तःस्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्य) नि:श्वास लेते हैं।
७०६. बंभलोगदेवा णं भंते! केवतिकालस्स आणमंति वा जाव नीससंति वा?
गोयमा! जहण्णेणं सत्तण्हं पक्खाणं जाव नीससंति वा, उक्कोसेणं दसण्हं पक्खाणं जाव नीससंति वा।
[७०६ प्र.] भगवन् ! ब्रह्मलोककल्प के देव कितने काल से (अन्तःस्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्य) नि:श्वास लेते हैं ?
[७०६ उ.] गौतम! (वे) जघन्यतः सात पक्षों में और उत्कृष्टत: दस पक्षों में (अन्त:स्फुरित) उच्छ्वास यावत् (बाह्य) नि:श्वास लेते हैं।
७०७. लंतगदेवा णं भंते! केवतिकालस्स आणमंति वा जाव नीससंति वा ?
गोयमा! जहण्णेणं दसण्हं पक्खाणं जाव नीससंति वा, उक्कोसेणं चोद्दसण्हं पक्खाणं जाव नीससंति वा।