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________________ ४६८] [प्रज्ञापना सूत्र ५६३. देवगती णं भंते! केवतियं कालं विरहिया उववाएणं पण्णत्ता ? गोयमा! जहण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता। [५६३. प्र.] भगवन् ! देवगति कितने काल तक उपपात से विरहित कही गई है ? [५६३. उ.] गौतम! (देवगति का उपपातविरहकाल) जघन्य एक समय तक और उत्कृष्ट बारह मुहूर्त तक का है। ५६४. सिद्धगती णं भंते! केवतियं कालं विरहिता सिझणयाए पण्णत्ता ? गोयमा! जहण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं छम्मासा। [५६४ प्र.] भगवन् ! सिद्धगति कितने काल तक सिद्धि से रहित कही गई है ? [५६४ उ.] गौतम! (सिद्धगति का सिद्धिविरहित काल) जघन्य एक समय तक और उत्कृष्ट छह महीनों तक का है। ५६५. निरयगती णं भंते! केवतियं कालं विरहिता उव्वट्टणयाए पण्णत्ता ? गोयमा! जहण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता। [५६५ प्र.] भगवन् ! नरकगति कितने काल तक उद्वर्तना से विरहित कही गई है ? [५६५ उ.] गौतम! जघन्य एक समय तक और उत्कृष्ट बारह मुहूर्त तक (उद्वर्त्तना से विरहित रहती है।) ५६६. तिरियगती णं भंते! केवतियं कालं विरहिता उव्वट्टणयाए पण्णत्ता ? गोयमा! जहण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता। [५६६ प्र.] भगवन् ! तिर्यञ्चगति कितने काल तक उद्वर्तना से विरहित कही गई है ? [५६६ उ.] गौतम! जघन्य एक समय तक और उत्कृष्ट बारह मुहूर्त तक (उद्ववर्त्तना से विरहित रहती है।) ५६७. मणुयगती णं भंते! केवतियं कालं विरहिया उव्वट्टणाए पण्णत्ता ? . गोयमा! जहण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता। [५६७ प्र.]भगवन्! मनुष्यगति कितने काल उद्वर्तना से विरहित कही गई है ? [५६७ उ.] गौतम! जघन्य एक समय तक और उत्कृष्ट बारह मुहूर्त तक (उद्वर्त्तना से विरहित कही गई है।) ५६८. देवगती णं भंते! केवतियं कालं विरहिता उव्वट्टणाए पण्णत्ता ? गोयम! जहण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं बारस मुहत्ता। दारं १॥ [५६८ प्र.] भगवन् ! देवगति कितने काल तक उद्वर्तना से विरहित कही गई है ? [५६८ उ.] गौतम! जघन्य एक समय तक और उत्कृष्ट बारह मुहुर्त तक (उद्वर्त्तना से विरहित रहती है।) प्रथम द्वार ॥१॥
SR No.003456
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1983
Total Pages572
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size12 MB
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