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________________ ३०२] [प्रज्ञापना सूत्र गोयमा! सव्वत्थोवा एगपदेसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठयाए १, संखेन्जपदेसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठयाए संखेजगुणा २, असंखेज्जपएसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा ३; पएसट्ठयाए -सव्वत्थोवा एगपएसोगाढा पोग्गला पएसट्ठयाए १, संखेन्जपएसोगाढा पोग्गला पदेसट्ठयाए संखेन्जगुणा २, असंखेज्जपएसोगाढा पोग्गला पएसट्ठयाए असंखेज्जगुणा ३; दव्वट्ठपएसट्ठयाए -सव्वत्थोवा एगपएसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठपएसट्टयाए १, संखेज्जपएसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठयाए संखेजगुणा २, ते चेव पएसट्ठयाए संखेज्जगुणा ३, असंखेन्जपदेसागाढा पोग्ग्ला दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा ४, ते चेव पदेसट्ठयाए असंखेज्जगुणा ५। [३३१ प्र.] भगवन् ! इन एकप्रदेशावगाढ़, संख्यातप्रदेशावगाढ़ और असंख्यातप्रदेशावगाढ़ पुद्गलों में द्रव्य की अपेक्षा से प्रदेशों की अपेक्षा से और द्रव्य एवं प्रदेशों की अपेक्षा से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? [३३१ उ.] गौतम! १. सबसे कम द्रव्य की अपेक्षा से एक प्रदेश में अवगाढ़ पुद्गल हैं, २. (उनकी अपेक्षा) संख्यातप्रदेशों में अवगाढ़ पुद्गल, द्रव्य की अपेक्षा से संख्यातगुणे हैं, ३, (उनकी अपेक्षा) द्रव्य की अपेक्षा से असंख्यातप्रदेशों में अवगाढ़ पुद्गल असंख्यात हैं। प्रदेशों की दृष्टि से अल्पबहुत्व -१. सबसे कम, प्रदेशों की अपेक्षा से, एक प्रदेशावगाढ़ पुद्गल हैं, २. (उनकी अपेक्षा) संख्यात प्रदेशावगाढ़ पुद्गल, प्रदेशों की अपेक्षा से, संख्यातगुणे हैं, ३. (उनकी अपेक्षा) असंख्यातप्रदेशावगाढ़ पुद्गल, प्रदेशों की अपेक्षा से असंख्यातगुणे हैं। द्रव्य एवं प्रदेश की अपेक्षा से अल्पबहुत्व --१. सबसे कम एक प्रदेशावगाढ़ पुद्गल, द्रव्य एवं प्रदेश की अपेक्षा से हैं, २. (उनकी अपेक्षा) संख्यातप्रदेशावगाढ़ पुद्गल, द्रव्य की अपेक्षा से संख्यातगुणे हैं, ३. (उनकी अपेक्षा) वे (संख्यातप्रदेशावगाढ़ पुद्गल) ही प्रदेश की अपेक्षा से संख्यातगुणे हैं, ४. (उनकी अपेक्षा) असंख्यातप्रदेशावगाढ़ पुद्गल, द्रव्य की अपेक्षा से असंख्यातगुणे हैं, ५. (उनकी अपेक्षा) वे (असंख्यातप्रदेशावगाढ़ पुद्गल) ही, प्रदेश की अपेक्षा से असंख्यातगुणे हैं। ३३२. एतेसि णं भंते! एगसमयठितीयाणं संखेन्जसमयठितीयाणं असंखेन्जसमयठितीयाण य पोग्गलाणं दव्वट्ठयाए पदेसट्ठयाए दव्वट्ठपएसट्ठयाए कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा! सव्वत्थोवा एगसमयठितीया पोग्गला दव्वट्ठयाए १, संखेज्जसमायठितीया पोग्गला दव्वट्ठयाए संखेज्जगुणा २, असंखेन्जसमयठितीया पोग्गला दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा ३; पदेसट्ठयाए-सव्वत्थोवा एगसमयठितीया पोग्गला पदेसट्ठयाए १, संखेन्जसमयठितीया पोग्गला पदेसट्टयाए संखेज्जगुणा २, असंखेजसमयठितीया पोग्ला पदेसट्ठयाए असंखेजगुणा ३; दव्वट्ठपदेसट्ठयाए - सव्वत्थोवा एगसमयठितीया पोग्गला दवट्ठपदेसट्ठयाए १, संखेन्जसमयठितीया पोग्गला दव्वट्ठयाए संखेज्जगुणा २, ते चेव पदेसट्टयाए संखेज्जगुणा ३, असंखेज्जसमयठितीया पोग्गला दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा ४, ते चेव पदेसट्ठयाए असंखेज्जगुणा ५।
SR No.003456
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1983
Total Pages572
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size12 MB
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