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________________ सफल प्रवचनकार आचार्य-प्रवर अपने युग के एक सफल प्रवक्ता एवं प्रवचनकार रहे हैं। शास्त्रीय तथ्य एवं सत्य ही आपके प्रवचनों का आधार होते थे। उनसे हृदयस्पर्शी ठोस तत्त्व श्रोता को प्राप्त होता था। पं. जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, श्री प्रतापसिंह कैरो, श्री भीमसेन सच्चर प्रभूति राष्ट्र के महान् नेताओं ने भी आपके प्रवचनों का लाभ लिया था। सचमुच आपकी वाणी में निराला माधुर्य था, सरलता इतनी कि साधारण पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी उसे अच्छी तरह समझ लेता था। आपके मंगलमय उपेदश आज भी जनजीवन को नवजागरण का सन्देश दे रहे आत्म शताब्दी वर्ष वि. सं. २०३९ आपका जन्म शताब्दी वर्ष है। यह पावन वर्ष है। ऐतिहासिक है। यह वर्ष विशेषरूप से पूज्य गुरुदेव के चरणों में श्रद्धासुमन समर्पित करने का है। ___ स्व. गुरुदेव की जीवन की महान्तम उपलब्धि थी—जैन आगम साहित्य का विद्वानों तथा सर्वसाधारण के लिए उपयोगी संस्करण। यही उनकी हार्दिक भावना थी कि जैनआगमज्ञान का यथार्थ प्रसार हो, जन-जन के हाथों में आत्मज्ञान की मूल्यवान् मणियां पहुँचें। गुरुदेव श्री की इसी भावना को साकार रूप देने हेतु मैंने प्रज्ञापना सूत्र का अनुवाद-विवेचन करने का दायित्व लिया है। अपने श्रद्धेय गुरुदेव के प्रति यही मेरी श्रद्धाञ्जलि - ज्ञान मुनि [प्रथम संस्करण से] [१७ ]
SR No.003456
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1983
Total Pages572
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size12 MB
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