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________________ १२३-१२८ १२३ १२६ १२९-१५१ १२९ १३१ १३६ १३६ १३८ १३८ १४२ १४५ चतुर्थ प्रतिपत्ति संसारसमापन्नक जीवों के पंच प्रकार अल्पबहुत्वद्वार पंचम प्रतिपत्ति संसारसमापन्नक जीवों के छह भेद अल्पबहुत्वद्वार बादर जीव निरूपण बादर की कायस्थिति अन्तरद्वार अल्पबहुत्वद्वार सूक्ष्म बादरों के समुदित अल्पबहुत्व निगोद की वक्तव्यता निगोदों का अल्पबहुत्व षष्ठ प्रतिपत्ति संसारसमापन्नक जीवों के सात भेद, अल्पबहुत्व सप्तम प्रतिपत्ति संसारसमापन्नक जीवों के आठ प्रकार अष्टम प्रतिपत्ति संसारसमापन्नक जीवों के नौ प्रकार नवम प्रतिपत्ति संसार समापन्नक जीवों के दस प्रकार सर्व जीवाभिगम सर्वजीव-द्विविध वक्तव्यता सर्वजीव-त्रिविध वक्तव्यता सर्वजीव-चतुर्विध वक्तव्यता सर्वजीव-पञ्चविध वक्तव्यता सर्वजीव-षड्विध वक्तव्यता सर्वजीव-सप्तविध वक्तव्यता सर्वजीव-अष्टविध वक्तव्यता सर्वजीव-नवविध वक्तव्यता सर्वजीव-दसविध वक्तव्यता १४] १४८ १५२-१५४ १५२ १५५-१६० १५५ १६१-१६२ १६१ १६३-१६७ १६३ १६८-२२९ १६८ १८४ १९३ २०२ २०४ २०९ २१२
SR No.003455
Book TitleAgam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 02 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Rajendramuni, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1991
Total Pages242
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_jivajivabhigam
File Size5 MB
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