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षड्विधाख्या पंचम प्रतिपत्ति]
[१४९ सुहुमणिओया पजत्ता पएसट्ठयाए संखेजगुणा।
एवं णिगोदजीवावि। णवरिं संकमए जाव सुहुमणिओयजीवेहिंतो पजत्तएहितो दव्वट्ठयाए बायरणिओदजीवा पज्जत्ता पदेसट्ठयाए असंखेज्जगुणा, सेसं तहेव जाव सुहुमणिओदजीवा पज्जत्ता पएसट्टयाए संखेजगुणा।
२२४. (अ) भगवन् ! इन सूक्ष्म, बादर, पर्याप्त और अपर्याप्त निगोदों में द्रव्य की अपेक्षा, प्रदेश की अपेक्षा तथा द्रव्य-प्रदेश की अपेक्षा से कौन किससे कम, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक है? गौतम! द्रव्य की अपेक्षा से-सबसे थोड़े बादरनिगोद (मूल-कन्दादिगत) पर्याप्तक हैं (क्योंकि ये प्रतिनियत क्षेत्रवर्ती हैं।) उनसे बादरनिगोद अपर्याप्तक असंख्येयगुण हैं (क्योंकि प्रत्येक बादरनिगोद की निश्रा में असंख्येय अपर्याप्त बादरनिगोद उत्पन्न होते हैं।) उनसे सूक्ष्मनिगोद अपर्याप्तक असंख्येय-गुण हैं, (क्योंकि लोकव्यापी होने से क्षेत्र असंख्येयगुण है।), उनसे सूक्ष्मनिगोद पर्याप्त संख्येयगुण हैं (क्योंकि सूक्ष्मों में अपर्याप्तों से पर्याप्त संख्येयगुण हैं।)
प्रदेश की अपेक्षा से-ऊपर कहा हुआ क्रम ही जानना चाहिए। यथा-सबसे थोड़े बादरनिगोद पर्याप्त, उनसे बादरनिगोद अपर्याप्त असंख्यातगुण, उनसे सूक्ष्मनिगोद अपर्याप्त असंख्येयगुण और उनसे सूक्ष्मनिगोद पर्याप्त संख्येयगुण हैं। __द्रव्य-प्रदेश की अपेक्षा से-सबसे थोड़े बादरनिगोद पर्याप्त द्रव्यापेक्षया, उनसे बादर निगोद अपर्याप्त असंख्येयगुण द्रव्यापेक्षया, उनसे सूक्ष्मनिगोद अपर्याप्त असंख्येयगुण द्रव्यापेक्षया, उनसे सूक्ष्मनिगोद पर्याप्त संख्येयगुण द्रव्यापेक्षया, उनसे बादरनिगोद पर्याप्त अनन्तगण प्रदेशापेक्षया. उनसे बादरनिगोद अपर्याप्त असंख्येयगुण प्रदेशापेक्षया, उनसे सूक्ष्मनिगोद अपर्याप्त असंख्येयगुण प्रदेशापेक्षया, उनसे सूक्ष्मनिगोद पर्याप्त संख्येयगुण प्रदेशापेक्षया।
निगोदजीवों का अल्पबहुत्व-द्रव्य की अपेक्षा-सबसे थोड़े बादरनिगोदजीव पर्याप्त, उनसे बादरनिगोदजीव अपर्याप्त असंख्येयगुण, उनसे सूक्ष्मनिगोदजीव अपर्याप्तक असंख्येयगुण, उनसे सूक्ष्मनिगोदजीव पर्याप्त संख्येयगुण हैं।
प्रदेशापेक्षया-सबसे थोड़े बादरनिगोदजीव पर्याप्तक, उनसे बादरनिगोदजीव अपर्याप्तक असंख्येयगुण, उनसे सूक्ष्मनिगोदजीव अपर्याप्तक असंख्येयगुण, उनसे सूक्ष्मनिगोदजीव पर्याप्तक संख्येयगुण।
द्रव्य-प्रदेशापेक्षया-सबसे थोड़े बादरनिगोदजीव पर्याप्त द्रव्यापेक्षया, उनसे बादरनिगोदजीव अपर्याप्त असंख्यातगुण द्रव्यापेक्षया, उनसे सूक्ष्मनिगोदजीव अपर्याप्त असंख्यगुण द्रव्यापेक्षया, उनसे सूक्ष्मनिगोदजीव पर्याप्त संख्येयगुण द्रव्यापेक्षया, उनसे बादरनिगोदजीव पर्याप्त असंख्येयगुण प्रदेशापेक्षया, उनसे बादरनिगोदजीव अपर्याप्त असंख्येयगुण प्रदेशापेक्षया, उनसे सूक्ष्मनिगोदजीव अपर्याप्त असंख्येयगुण प्रदेशापेक्षया, उनसे सूक्ष्मनिगोदजीव पर्याप्त संख्येयगुण प्रदेशापेक्षया।
२२४. (आ) एएसि णं भंते! णिगोदाणं सुहुमाणं बायराणं पज्जत्ताणं अपज्जत्ताणं णिओयजीवाणं सुहुमाणं बायराणं पजत्तगाणं अपजत्तगाण दव्वट्ठयाए, पएसट्ठयाए