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३२४ ३२५ ३३० ३३३ ३३८
३४२
३४४
अट्ठाईस अन्तरर्दीपिकों के कोष्ठक देववर्णन चमरेन्द्र की परिषद् का वर्णन नागकुमारों की वक्तव्यता वान-व्यन्तरों का अधिकार ज्योतिष्क देवों के विमानों का वर्णन तिर्यक्लोक के प्रसंग में द्वीप-समुद्रवक्तव्यता जम्बूद्वीप-वर्णन पद्मवरवेदिका-वर्णन वनखण्डवर्णन वनखण्ड की बावड़ियों आदि का वर्णन जम्बूद्वीप के द्वारों की संख्या-वर्णन सुधर्मा सभा का वर्णन सिद्धायतन-वर्णन उपपातादि-सभावर्णन विजयदेव का उपपात और उसका अभिषेक आदि वैजयन्त आदि द्वार जम्बूद्वीप क्यों कहलाता है ? काञ्चनपर्वतों का अधिकार जम्बूवृक्ष-वक्तव्यता जम्बूद्वीप में चन्द्रादि की संख्या
३४५ ३४७ ३५० ३६३ ३६९
३९१
३९९ ४०२
४०५
४२७ ४३०
४४०
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