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________________ तृतीय प्रतिपत्ति : घनोदधिवलय का तिर्यग् बाहल्य] [२०९ घनोदधिवलय का तिर्यग् बाहल्य ७६. (१) इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए घणोदधिवलए केवइयं बाहल्लेणं पण्णत्ते? गोयमा ! छ जोयणाणि बाहल्लेणं पण्णत्ते। सक्करप्पभाए पुढवीए घणोदधिवलए केवइयं बाहल्लेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! सतिभागाइं छ जोयणाइं बाहल्लेणं पण्णत्ते। बालुयप्पभाए पुच्छा; गोयमा ! तिभागूणाई सत्त जोयणाई बाहल्लेणं पण्णत्ते। एवं एतेण अभिलावेणं पंकप्पभाए सत्तजोयणाई बाहल्लेणं पण्णत्ते। धूमप्पभाए सतिभागाइं सत्तजोयणाइं पण्णत्ते। तमप्पभाए तिभागूणाई अट्ठजोयणाई। तमतमप्पभाए अट्ठजोयणाई। इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए घणवायवलए केवइयं बाहल्लणं पण्णत्ते ? गोयमा ! अद्धपंचमाइं जोयणाई बाहल्लेणं। सक्करप्पभाए पुच्छा, गोयमा ! कोसूणाई पंचजोयणाई बाहल्लेणं पण्णत्ते। एवं एएणं अभिलावेणं बालुप्पभाए पंचजोयणाई बाहल्लेणं पण्णत्ते, पंकप्पभाए सक्कोसाइं पंचजोयणाइंबाहल्लेणं पण्णत्ते।धूमप्पभाए अद्धछट्ठाइंजोयणाइं बाहल्लेणं पण्णत्ते। तमप्पभाए कोसूणाइंछ जोयणाइंबाहल्लेणं पण्णत्ते।अहेसत्तमाए छ जोयणाईबाहल्लेणं पण्णत्ते। इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाएपुढवीए तणुवायवलए केवइयं बाहल्लेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! छक्कोसेणंबाहल्लेणं पण्णत्ते। एवं एएणंअभिलावेणं सक्करप्पभाए सतिभागे छक्कोसे बाहल्लेणं पण्णत्ते। बालुयप्पभाए तिभागूणे सत्तकोसंबाहल्लेणं पण्णत्ते।पंकप्पभाए पुढवीए सत्तकोसं बाहल्लेणं पण्णत्ते। धूमप्पभाए सतिभागे सत्तकोसे। तमप्पभाए तिभागूणे अट्ठकोसे बाहल्लेणं पण्णत्ते। अधेसत्तमाए पुढवीए अट्ठकोसे बाहल्लेणं पण्णत्ते। [७६-१] भगवन् ! इस रत्नप्रभापृथ्वी का घनोदधिवलय कितना मोटा है ? गौतम ! छह योजन की मोटाई वाला है। भंते ! शर्कराप्रभापृथ्वी का घनोदधिवलय कितना मोटा है ? गौतम ! त्रिभागसहित छह योजन मोटा है। बालुकाप्रभा की पृच्छा-गौतम ! त्रिभागन्यून सात योजन का है। इसी अभिलाप से पंकप्रभा का घनोदधिवलय सात योजन का, धूमप्रभा का त्रिभागसहित सात योजन का, तमःप्रभा का त्रिभागन्यून आठ योजन का और तमस्तमःप्रभा का आठ योजन का है।
SR No.003454
Book TitleAgam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Rajendramuni, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1989
Total Pages498
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_jivajivabhigam
File Size11 MB
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