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[जीवाजीवाभिगमसूत्र
उनसे देवकुरु-उत्तरकुरु अकर्मभूमिक मनुष्यस्त्रियां और मनुष्यपुरुष-ये दोनों परस्पर तुल्य और संख्यातगुण हैं,
उनसे हरिवर्ष-रम्यकवर्ष अकर्मभूमिक मनुष्यस्त्रियां और मनुष्यपुरुष परस्पर तुल्य और संख्यातगुण हैं, उनसे हैमवत-हैरण्यवत अकर्मभूमिक मनुष्यस्त्रियां और मनुष्यपुरुष परस्पर तुल्य और संख्यातगुण हैं, उनसे भरत-ऐरवत-कर्मभूमिक मनुष्यपुरुष दोनों संख्यातगुण हैं, उनसे भरत-ऐरवत-कर्मभूमिक मनुष्यस्त्रियां दोनों संख्यातगुण हैं, उनसे भरत-ऐरवत-कर्मभूमिक मनुष्यपुरुष दोनों संख्यातगुण हैं, उनसे पूर्वविदेह-पश्चिमविदेह कर्मभूमिक मनुष्यपुरुष दोनों संख्यातगुण हैं, उनसे पूर्वविदेह-पश्चिमविदेह कर्मभूमिक मनुष्यस्त्रियां दोनों संख्यातगुणी हैं, उनसे अन्तर्वीपिक मनुष्यनपुंसक असंख्यातगुण हैं, उनसे देवकुरु-उत्तरकुरु अकर्मभूमिक मनुष्य नपुंसक दोनों संख्यातगुण हैं,
इसी तरह यावत् पूर्वविदेहकर्मभूमिक मनुष्यनपुंसक, पश्चिमविदेह कर्मभूमिक मनुष्यनपुंसक दोनों संख्यातगुण हैं।
(८) भगवन् ! इन देवस्त्रियों में-भवनवासिनियों में, वाणव्यन्तरियों में, ज्योतिषीस्त्रियों में और वैमानिकस्त्रियों में, देवपुरुषों में भवनवासी यावत् वैमानिकों में, सौधर्मकल्प यावत् ग्रैवेयक देवों में अनुत्तरोपपातिक देवों में, नैरयिक नपुंसकों में-रत्नप्रभा नैरयिक नपुंसकों यावत् अधःसप्तमपृथ्वी नैरयिक नपुसंकों में कौन किससे कम, अधिक, तुल्य या विशेषाधिक हैं ?
गौतम ! सबसे थोड़े अनुत्तरोपपातिक देवपुरुष, उनसे उपरिम ग्रैवेयक देवपुरुष संख्यातगुण, इसी तरह यावत् आनतकल्प के देवपुरुष संख्यतागुण, उनसे अधःसप्तमपृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुण, उनसे छठी पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुण, उनसे सहस्रारकल्प के देवपुरुष असंख्यातगुण, उनसे महाशुक्रकल्प के देवपुरुष असंख्यातगुण, उनसे पांचवीं पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुण, उनसे लान्तककल्प के देव असंख्यातगुण, उनसे चौथी पृथ्वी के नैरयिक असंख्यातगुण, उनसे ब्रह्मलोककल्प के देवपुरुष असंख्यातगुण, उनसे तीसरी पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुण,