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________________ द्वितीय प्रतिपत्ति : नपुंसकों का अल्पबहुत्व] [१७५ पुढविकाइय एगिंदिय तिरिक्खजोणिय णपुंसगाणं जलयराणं थलयराणं खहयराणं मणुस्स णपुंसकाणं कम्मभूमिगाणं अकम्मभूमिगाण अंतरदीवगाण यकयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुआ वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा अहेसत्तमपुढवि णेरइय नपुंसका, छट्ठ पुढवि नेरइय णपुंसगा असंखेज्जगुणा जाव दोच्चं पुढवि णेरइय नपुंसका असंखेज्जगुणा, अंतरदीवग मणुस्स णपुंसका असंखेज्जगुणा, देवकुरु-उत्तरकुरु अकम्मभूमग मणुस्स णपुंसका दो वि संखेज्जगुणा, जाव पुव्वविदेह-अवरविदेह कम्मभूमग मणुस्स णपुंसका दो वि संखेज्जगुणा, रयणप्पभा पुढवि णेरइय णपुंसका असंखेज्जगुणा, खहयर पंचिंदिय तिरिक्खजोणिय नपुंसका असंखेज्जगुणा, थलयर पंचिं० तिरिक्खजोणिय नपुंसका असंखेज्जगुणा, जलयर पंचिं० तिरिक्खजोणिय नपुंसका असंखेज्जगुणा, चउरिंदिय तिरिक्खजोणिय णपुंसका विसेसाहिया, तेइंदिय तिरिक्खजोणिय णपंसका विसेसाहिया, बेइंदिय तिरिक्खजोणिय णपुंसका विसेसाहिया, तेउक्काइय एगिदिय ति० जो० णपुंसका असंखेजगुणा, पुढविकाइय एगिंदिय ति० जो० णपुंसका विसेसाहिया, आउक्काइय एगिंदिय ति० जो० णपुंसका विसेसाहिया, वाउक्काइय एगिदिय ति० जो० णपुंसका विसेसाहिया, वणस्सइकाइय एगिंदिय ति० जो० णपुंसका अणंतगुणा। [६०] (१) भगवन् ! इन नैरयिक नपुंसक, तिर्यक्योनिक नपुंसक और मनुष्ययोनिक नपुंसकों में कौन किससे अल्प, अधिक, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे थोड़े मनुष्य नपुंसक उनसे नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुण, उनसे तिर्यक्योनिक नपुंसक अनन्तगुण हैं। (२) भगवन् ! इन रत्नप्रभा पृथ्वी नैरयिक नपुंसकों में यावत् अधःसप्तमपृथ्वी नैरयिक नपुंसकों में कौन किससे अल्प, अधिक, तुल्य या विशेषाधिक हैं। गौतम ! सबसे थोड़े अधःसप्तमपृथ्वी के नैरयिक नपुंसक, उनसे छठी पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुण, यावत् दूसरी पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक क्रमशः असंख्यात-असंख्यात गुण कहने चाहिए। उनसे इस रत्नप्रभा पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुण है। (३) भगवन् ! इन तिर्यक्योनिक नपुंसकों में एकेन्द्रिय तिर्यक् नपुंसकों में पृथ्वीकायिक यावत्
SR No.003454
Book TitleAgam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Rajendramuni, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1989
Total Pages498
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_jivajivabhigam
File Size11 MB
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