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द्वितीय प्रतिपत्ति: स्त्रियों का वर्णन]
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स्थलचरी स्त्रियां दो प्रकार की हैं-चतुष्पदी और परिसी। चतुष्पदी स्त्रियां कितने प्रकार की हैं ? चतुष्पदी स्त्रियां चार प्रकार की हैं। यथा-एकखुर वाली यावत् सनखपदी। परिसी स्त्रियां कितने प्रकार की हैं ? परिसी स्त्रियां दो प्रकार की हैं। यथा-उरपरिसी और भुजपरिसी। उरपरिसी स्त्रियां कितने प्रकार की हैं ?
उरपरिसपी स्त्रियां तीन प्रकार की हैं। यथा-१ अहि, २ अजगरी और ३ महोरगी। यह उरपरिसी स्त्रियों का कथन हुआ।
भुजपरिसी स्त्रियां कितने प्रकार की हैं ?
भुजपरिसी स्त्रियां अनेक प्रकार की कही गई हैं, यथा-गोधिका, नकुली, सेधा, सेला, सरटी (गिरगिटी), शशकी, खारा, पंचलोकिक, चतुष्पदिका, मूषिका, मुंगुसिका (टाली), घरोलिया (छिपकली), गोल्हिका, योधिका, वीरचिरालिका आदि भुजपरिसी स्त्रियां हैं। . खेचरी स्त्रियां कितने प्रका रकी हैं ?
खेचरी स्त्रियां चार प्रकार की हैं। यथा-चर्मपक्षिणी यावत् विततपक्षिणी। यह खेचरी स्त्रियों का वर्णन हुआ। इसके साथ ही तिर्यंचस्त्रियों का वर्णन भी पूरा हुआ।
[२] से किं तं मणुस्सित्थीओ? मणुस्सित्थीओ तिविहाओ पण्णत्ताओ, तं जहा१. कम्मभूमियाओ, २. अकम्मभूमियाओ, ३. अंतरदीवियाओ। से किं तं अंतरदीवियाओ? अंतरदीवियाओ अट्ठावीसइविहाओ पण्णत्ताओ, तं जहाएगोरुइयाओ आभासियाओ जाव सुद्धदंतीओ। से तं अंतरदीवियाओ। से किं तं अकम्मभूमियाओ? अकम्मभूमियाओ तीसविहाओ पण्णत्ताओ, तं जहा
पंचसु हेमवएसु, पंचसु, एरण्णवएसु, पंचसु हरिवासेसु, पंचसु रम्मगवासेसु, पंचसु देवकुरासु, पंचसु उत्तरकुरासु। से त्तं अकम्मभूमियाओ।
से किं तं कम्मभूमियाओ? कम्मभूमियाओ पण्णरसविहाओ पण्णत्ताओ, तं जहा
पंचसु भरतेसु, पंचसु एरवएसु, पंचसु महाविदेहेसु।सेत्तं कम्मभूमिगमणुस्सीओ।सेत्तं मणुस्सित्थीओ।
मनुष्य स्त्रियां कितने प्रकार की हैं ? मनुष्य स्त्रियां तीन प्रकार की कही गई हैं-कर्मभूमिजा, अकर्मभूमिजा, और अन्तीपजा।