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________________ तप का विवेचन - इत्वरिक क्या है—वह कितने प्रकार का है ? इत्वरिक अनेक प्रकार का बतलाया गया है, जैसे–चतुर्थ भक्त–एक दिन-रात के लिए आहार का त्याग-उपवास, षष्ठ भक्त-दो दिन-रात के लिए आहार-त्याग, निरन्तर दो उपवास–बेला, अष्टम भक्त–तीन उपवास तेला, दशम भक्त–चार दिन के उपवास, द्वादश भक्त—पाँच दिन के उपवास, चतुर्दश भक्त–छह दिन के उपवास, षोडश भक्त–सात दिन के उपवास, अर्द्धमासिक भक्त आधे महीने या पन्द्रह दिन के उपवास, मासिक भक्त–एक महीने के उपवास, द्वैमासिक भक्त-दो महीनों के उपवास, त्रैमासिक भक्त–तीन महीनों के उपवास, चातुर्मासिक भक्त–चार महीनों के उपवास, पाञ्चमासिक भक्त–पाँच महीनों के उपवास, पाण्मासिक भक्त–छह महीनों के उपवास। यह इत्वरिक तप का विस्तार है। यावत्कथिक क्या है उसके कितने प्रकार हैं ? यावत्कथिक के दो प्रकार हैं-१. पादपोपगमन कटे हुए वृक्ष की तरह स्थिर-शरीर रहते हुए आजीवन आहार-त्याग, २. भक्तपानप्रत्याख्यान —जीवनपर्यन्त आहार-त्याग। पादपोपगमन क्या है उसके कितने भेद हैं ? पादपोपगमन के दो भेद हैं—१. व्याघातिम व्याघातवत् या विघ्नयुक्त सिंह आदि प्राणघातक प्राणी या दावानल आदि उपद्रव उपस्थित हो जाने पर जीवन भर के लिए आहार-त्याग, २. निर्व्याघातिम निर्व्याघातवत्-विघ्नरहित-सिंह, दावानल आदि से सम्बद्ध उपद्रव न होने पर भी मृत्युकाल समीप जानकर अपनी इच्छा से जीवन भर के लिए आहार त्याग। इस (अनशन) से प्रतिकर्म शरीर संस्कार, हलन-चलन आदि क्रिया-प्रक्रिया का त्याग रहता है। इस प्रकार पादपोपगमन यावत्कथिक अनशन होता है। भक्तप्रत्याख्यान क्या है—उसके कितने भेद हैं ? भक्तप्रत्याख्यान के दो भेद बतलाये गये हैं—१.व्याघातिम, २. निर्व्याघातिम। भक्तप्रत्याख्यान अनशन में प्रतिकर्म नियमतः होता है। यह भक्तप्रत्याख्यान अनशन का विवेचन है। अवमोदरिका क्या है उसके कितने भेद हैं ? अवमोदरिका के दो भेद बतलाये गये हैं—१. द्रव्यअवमोदरिका खान-पान आदि से सम्बद्ध पदार्थों का पेट भरकर उपयोग नहीं करना, भूख से कम खाना। २. भाव-अवमोदरिका आत्मप्रतिकूल या आवेशमय भावों का चिन्तन-विचार में उपयोग न करना। द्रव्य-अवमोदरिका क्या है उसके कितने भेद हैं ? द्रव्य-अवमोदरिका के दो भेद बतलाये गये हैं—१. उपकरण-द्रव्य-अवमोदरिका वस्त्र आदि देहोपयोगी सामग्री का कम उपयोग करना। २. भक्तपान-अवमोदरिकाखाद्य, पेय पदार्थों का कम मात्रा में उपयोग करना, भूख से कम सेवन करना। उपकरण-द्रव्य-अवमोदरिका क्या है उसके कितने भेद हैं ? उपकरण-द्रव्य-अवमोदरिका के तीन भेद बतलाये गये हैं—१. एक पात्र रखना, २. एक वस्त्र रखना, ३. एक मनोनुकूल निर्दोष उपकरण रखना। यह उपकरण-द्रव्य-अवमोदरिका है। भक्तपान-द्रव्य-अवमोदरिका क्या है उसके कितने भेद हैं ? भक्तपान-द्रव्य-अवमोदरिका के अनेक भेद बतलाये गये हैं, जो इस प्रकार हैं मुर्गी के अंडे के परिमाण के केवल आठ ग्रास भोजन करना अल्पाहार-अवमोदरिका है।।
SR No.003452
Book TitleAgam 12 Upang 01 Auppatik Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Devendramuni, Ratanmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1992
Total Pages242
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Principle, & agam_aupapatik
File Size17 MB
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