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________________ एकावली २९ दिन, ग्यारह दिन, दश दिन, नौ दिन, आठ दिन, सात दिन, छह दिन, पांच दिन, चार दिन का उपवास, तेला, बेला तथा उपवास करे। चोंतीस तेलों से पहले किये गये तपश्चरण के समक्ष तपःक्रम यह है । तत्पश्चात् आठ तेले करे। ये भी इनसे पूर्व किये गये आठ तेलों के समकक्ष हो जाते हैं। उसके बाद एक तेला, एक बेला और एक उपवास करे। आठ-आठ तेलों का युगल हार के दो फूलों जैसा तथा मध्यवर्ती चोंतीस तेलों का क्रम बीच के पान जैसा है। इस प्रकार कनकावली तप के एक क्रम या परिपाटी में १+२+३+३+३+३+३+३+३+३+३+१+२+३+४+६+६+७+८+९+१०+११+१२+१३+ १४+१५+१६+३+३+३+३+३+३+३+३+३+३+३+३+३+३+३+३+३+३+३+३+३+३+३+३+३+३+३+३ +३+३+३+३+३+३+१६+१५+१४+१३+१२+११+१०+९+८+७+६+५+४+३+२+१+३+३+३+३+३+३+३+३+३ +२+१ =४३४ दिन अनशन या उपवास तथा ८८ दिन पारणा = बारह दिन लगते हैं। यों कुल ५२२ दिन एक वर्ष पांच महीने तथा = पूरे तप में चार परिपाटियाँ सम्पन्न की जाती हैं। पहली परिपाटी के अन्तर्गत पारणे में विगय दूध, दही, घृत आदि लिये जा सकते हैं। दूसरी परिपाटी के अन्तर्गत पारणों में दूध, दही, घृत आदि विगय नहीं लिये जा सकते । तीसरी परिपाटी के अन्तर्गत, जिनका लेप न लगे, वैसे निर्लेप पदार्थ – स्निग्धता आदि से सर्वथा वर्जित खाद्य वस्तुएँ पारणों में ली जा सकती हैं। चौथी परिपाटी के अन्तर्गत पारणे में आयंबिल — किसी एक प्रकार का अन्न- -भूंजा हुआ या रोटी आदि के रूप में पकाया हुआ पानी में भिगोकर लिया जाता है। कनकावली तप की चारों परिपाटियों में ५२२+५२२+५२२+५२२ २०८८ दिन पांच वर्ष नौ महीने व अठारह दिन लगते हैं। एकावली मोतियों या दूसरे मनकों की लड़ एकावली कही जाती है। इसे प्रतीक रूप में मानकर एकावली तप की परिकल्पना है। वह इस प्रकार है— साधक एकावली तप के अन्तर्गत क्रमशः उपवास, बेला, तेला, तदनन्तर आठ उपवास, फिर उपवास, बेला, तेला, चार, पाँच, छह, सात, आठ, नौ, दश, ग्यारह, बारह, तेरह, चवदह, पन्द्रह तथा सोलह दिन के उपवास करे। वैसा कर निरन्तर चोंतीस उपवास करे। फिर सोलह, पन्द्रह, चवदह, तेरह, बारह, ग्यारह, दश, नौ, आठ, सात, छह, पाँच, चार दिन के उपवास, तेला, बेला, उपवास, आठ उपवास, तेला, बेला तथा उपवास करे । = कनकावली के ज्यों इसमें दो फूलों के स्थान पर आठ-आठ तेलों के बदले आठ-आठ उपवास हैं तथा मध्यवर्ती पान के स्थान पर चोंतीस तेलों के बदले चोंतीस उपवास हैं। यों एक लड़े हार के रूप में वह तप है । एकावली तप के एक क्रम या परिपाटी में १+२+३+१+१+१+१+१+१+१+१+१+२+३+४+५+६+७ +८+९+१०+११+१२+१३+१४+१५+१६+१+१+१+१+१+१+१+१+१+१+१+१+१+१+१ +१+१+१+१+१+१+१+१+१+१+१+१+१+१+१+१+१+१+१+१६+१५+१४+१३+१२+११+१० +९+८+७+६+५+४+३+२+१+१+१+१+१+१+१+१+१+३+२+१ कुल ४२२ दिन एक वर्ष दो महिने तथा दो दिन लगते हैं। = = ३३४ दिन उपवास तथा ८८ दिन पारणा यों =
SR No.003452
Book TitleAgam 12 Upang 01 Auppatik Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Devendramuni, Ratanmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1992
Total Pages242
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Principle, & agam_aupapatik
File Size17 MB
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