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________________ पृष्ठ विषय इन्द्रभूति गौतम की जिज्ञासा पापकर्म का बन्ध एकान्तबाल : एकान्तसुप्त का उपपात क्लिशित-उपपात भद्रप्रकृति जनों का उपपात परिक्लेश-बाधित नारियों का उपपात द्विद्रव्यादिसेवी मनुष्यों का उपपात वानप्रस्थों का उपपात प्रव्रजित श्रमणों का उपपात परिव्राजकों का उपपात अम्बड परिव्राजक के सात सौ अन्तेवासी चमत्कारी अम्बड परिव्राजक अम्बड के उत्तरवर्ती भव प्रत्यनीकों का उपपात . संज्ञी पञ्चेन्द्रिय तिर्यक्योनि जीवों का उपपात आजीवकों का उपपात . १२० पृष्ठ विषय ११३ आत्मोत्कर्षक प्रव्रजित श्रमणों का उपपात ११४ निह्नवों का उपपात ११५ अल्पारंभी आदि मनुष्यों का उपपात ११७ अनारंभी श्रमण ११९ सर्वकामादिविरत मनुष्यों का उपपात केवलि-समुद्घात १२१ केवलि-समुद्घात का हेतु १२२ समुद्घात का स्वरूप १२५ समुद्घात के पश्चात् योग-प्रवृत्ति १२६ योग-निरोध : सिद्धावस्था १३२ सिद्धों का स्वरूप १३८ सिद्ध्यमान के संहनन, संस्थान आदि १४३ सिद्धों का परिवास १५० सिद्ध : सार संक्षेप परिशिष्ट : गण और कुल संबंधी १५० विशेष विचार १५१ १५२ १५६ १५९ १६१ १६२ १६४ १६४ १६६ १६७ १६९ १६९ १७० १७३ १७८ १५१ [३९]
SR No.003452
Book TitleAgam 12 Upang 01 Auppatik Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Devendramuni, Ratanmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1992
Total Pages242
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Principle, & agam_aupapatik
File Size17 MB
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