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________________ २१३ که نه نه نه که २२४ २२४ २२५ २२६ २२७ २२९ चतुर्थ अध्ययन-ब्रह्मचर्ये ब्रह्मचर्य की महिमा बत्तीस उपमानों से मण्डित ब्रह्मचर्य महाव्रतों का मूल : ब्रह्मचर्य ब्रह्मचर्यविघातक निमित्त ब्रह्मचर्य-रक्षक नियम ब्रह्मचर्यव्रत की पांच भावनाएँ प्रथम भावना--विविक्त-शयनासन द्वितीय भावना-स्त्रीकथावर्जन तृतीय भावना-स्त्रियों के रूप-दर्शन का त्याग चतुर्थ भावना-पूर्वभोग-चिन्तनत्याग 'पंचम भावना-स्निग्ध-सरस भपेजन-त्याग उपसंहार पंचम अध्ययन-परिग्रहत्याय उत्क्षेप धर्मवृक्ष का रूपक अकल्पनीय-अनाचरणय सन्निधि-त्याग कल्पनीय भिक्षा साधु के उपकरण निर्ग्रन्थों का आन्तरिक स्वरूप निर्ग्रन्थों की ३१ उपमाएँ अपरिग्रहव्रत की पाँच भावनाएँ प्रथम भावना-श्रोत्रेन्द्रिय-संयम द्वितीय भावना-चक्षुरिन्द्रिय-संयम तीसरी भावना-घ्राणेन्द्रिय-संयम चतुर्थ भावना-रसनेन्द्रिय-संयम पंचम भावना स्पर्शनेन्द्रिय-संयम पंचम संवरद्वार का उपसंहार सम्पूर्ण संवरद्वार का उपसंहार परिशिष्ट १. उत्थानिक-पाठान्तर २. गावानुक्रमसूची ३. कथाएँ ४. विशिष्ट शब्दों एवं नामों का कोश २३१ २४० २४१ २४२ २४५ २४७ २४८ २५० २५३ २५३ २५५ २५७ २५८ २५९ २६० २६४ نه که به HAP
SR No.003450
Book TitleAgam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1989
Total Pages359
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_prashnavyakaran
File Size25 MB
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