SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 35
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १७६ १७७ १७८ प्रवचन का उद्देश्य और फल अहिंसा महाव्रत की प्रथम भावना : ईर्यासमिति अहिंसामहाव्रत की द्वितीय भावना : मनःसमिति अहिंसामहाव्रत की तृतीय भावना : वचनसमिति अहिंसामहाव्रत की चतुर्थ भावना : आहारैषणासमिति अहिंसामहाव्रत की पंचमी भावना : आदान-निक्षेपणसमिति उपसंहार १७८ १७८ १८० १८२ १८४ १८५ १८५ द्वितीय अध्ययन–सत्य सत्य की महिमा सदोष सत्य का त्याग बोलने योग्य वचन [ऐसा सत्य भी वर्जनीय, सत्य के दस प्रकार, भाषा के बारह प्रकार, सोलह प्रकार के वचन] सत्यमहाव्रत का सफल सत्यमहाव्रत की पाँच भावनाएँ प्रथम भावना : अनुवीचिभाषण दूसरी भावना : अक्रोध तीसरी भावना : निर्लोभता चौथी भावना : निर्भयता पाँचवीं भावना : हास्य-त्याग उपसंहार १९१ १९१ १९२ १९२ १९३ १९४ १९७ १९९ २०१ २०४ २०६ तृतीय अध्ययन-दत्तानुज्ञात प्रस्तेय का स्वरूप ये अस्तेय के आराधक नहीं अस्तेय के आराधक कौन ? अस्तेय की आराधना का फल अस्तेय व्रत की पाँच भावनाएँ प्रथम भावना : निर्दोष उपाश्रय द्वितीय भावना : निर्दोष संस्तारक तृतीय भावना : शय्यापरिकर्मवर्जन चतुर्थ भावना : अनुज्ञात भक्तादि पंचमी भावना : सार्मिक-विनय उपसंहार २०७ २०७ २०८ २०८ २०९ २१० २११ [ ३४ ]
SR No.003450
Book TitleAgam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1989
Total Pages359
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_prashnavyakaran
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy