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पच्चीसवाँ शतक : उद्देशक-६]
[६८-२ उ.] गौतम ! (पुलाक) जन्म की अपेक्षा सुषम-सुषमा और सुषमाकाल में नहीं होता, किन्तु सुषम-दुःषमा और दुःषम-सुषमाकाल में होता है तथा दुःषमाकाल एवं दुःषम-दुःषमाकाल में वह नहीं होता। सदभाव की अपेक्षा वह सुषम-सुषमा, सुषमा तथा दुःषम-दःषमाकाल में नहीं होता. किन्त सषमदुःषमा, दुःषम-सुषमा एवं दुःषमाकाल में होता है। __ [३] जदि उस्सप्पिणिकाले होज्जा किं दुस्समदुस्समाकाले होजा, दुस्समाकाले होजा, दुस्समसुसमाकाले होज्जा, सुसमादुस्समाकाले होजा, सुसमाकाले होज्जा, सुसमसुसमाकाले होज्जा ? .
गोयमा ! जम्मणं पडुच्च णो दुस्समदुस्समाकाले होजा, दुस्समाकाले वा होजा, दुस्समसुसमाकाले वा होज्जा, सुसमदुस्समाकाले वा होज्जा, नो सुसमाकाले होजा, नो सुसमसुसमाकाले होज्जा। संतिभावं पडुच्च नो दुस्समदुस्समाकाले होजा, नो दुस्समाकाले होजा, दुस्समसुसमाकाले वा होज्जा, सुसमदुस्समाकाले वा होजा, नो सुसमाकाले होज्जा, नो सुसमसुसमाकाले होज्जा। __ [६८-३ प्र.] भगवन् ! यदि पुलाक उत्सर्पिणीकाल में होता है, तो क्या दुःषम-दुःषमाकाल में होता है अथवा दुःषमाकाल में, दुःषम-सुषमाकाल में, सुषम-दुःषमाकाल में सुषमाकाल में या सुषम-सुषमाकाल में होता है ?
[६८-३ उ.] गौतम ! जन्म की अपेक्षा (पुलाक) दुःषम-दुःषमाकाल में नहीं होता, वह दुःषमाकाल में, दुःषम-सुषमाकाल में या सुषम-दुःषमाकाल में होता है, किन्तु सुषमाकाल में तथा सुषम-सुषमाकाल में नहीं होता। सद्भाव की अपेक्षा वह दुःषम-दुःषमाकाल में, दुःषमाकाल में, सुषमाकाल में तथा सुषमसुषमाकाल में नहीं होता, किन्तु दुःषम-सुःषमाकाल में, या सुषम दुःषमाकाल में होता है।
[४] जति नोओसप्पिणिनोउस्सप्पिणिकाले होजा कि सुसमसुसमापलिभागे होज्जा, सुसमापलिभागे होजा, सुसमदुस्समापलिभागे होज्जा, दुस्समसुसमापलिभागे होजा ?
गोयमा ! जम्मण-संतिभावं पडुच्च नो सुसमसुसमापलिभागे होज्जा, नो सुसमापलिभागे होज्जा, नो सुसमदुस्समापलिभागे होज्जा, दुस्समसुसमापलिभागे होज्जा।
[६८-४ प्र.] भगवन् ! यदि (पुलाक) नोअवसर्पिणी-नोउत्सर्पिणी काल में होता है तो क्या वह सुषम-सुषम-समानकाल में, सुषमा-समानकाल मे, सुषम-दुःषमा-समानकाल में या दुःषम-सुषमा-समानकाल में होता है ?
[६८-४ उ.] गौतम! जन्म और सद्भाव की अपेक्षा वह सुषम-सुषमा-समानकाल में, सुषमासमानकाल में तथा सुषम-दुःषम-समानकाल में नहीं होता, किन्तु दुःषम-सुषमा-समानकाल में होता है।
६९.[१] बउसे णं० पुच्छा।
गोयमा ! ओसप्पिणिकाले वा होजा, उस्सप्पिणिकाले वा होज्जा, नोओसप्पिणिनोउस्सप्पिणिकाले वा होज्जा।
[६९-१ प्र.] भगवन् ! बकुश (अवसर्पिणी आदि में से) किस काल में होता है ?