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बारसमो उद्देसओ : उदही'
बारहवाँ उद्देशक : उदधिकुमार-सम्बन्धी वक्तव्यता उदधिकुमारों में आहारादि की समानता-असमानता का निरूपण
१. उदधिकुमारा णं भंते! सव्वे समाहारा. ? एवं चेव ? सेवं भंते ! सेबं भंते! ।
॥सोलसमे सए : बारसमो उद्देसओ समत्तो॥१६-१२॥ [१ प्र.] भगवन् ! सभी उदधिकुमार समान आहार वाले हैं ? इत्यादि पूर्ववत् समग्र प्रश्न । [१ उ.] गौतम! सभी वक्तव्यता पूर्ववत् कहनी चाहिए। हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है, भगवन् ! यह इसी प्रकार है, यों कह कर गौतम स्वामी यावत् विचरते हैं।
॥ सोलहवां शतक : बारहवाँ उद्देशक समाप्त॥
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