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________________ छठा शतक : उद्देशक-३ २७ [१५-३] आयुष्यकर्म को नीचे के दो-सम्यग्दृष्टि और मिथ्यादृष्टि - भजना से बांधते हैं (अर्थात् कदाचित् बांधते हैं, कदाचित् नहीं बांधते ।) सम्यग् - मिथ्यादृष्टि (सम्यग्-मिथ्यादृष्टि अवस्था में) नहीं बांधते । १६. [१] णाणावरणिज्जं किं सण्णी बंधइ, असण्णी बंधई, नोसण्णीणोअसण्णी बंधइ ? गोयमा ! सण्णी सिय बंधइ सिय नो बंधइ, असण्णी बंधइ, नोसण्णीनोअसण्णी न बंधइ | [१६- १ प्र.] भगवन् ! ज्ञानावरणीयकर्म को क्या संज्ञी बांधता है, असंज्ञी बांधता है अथवा नोसंज्ञीनोअसंज्ञी बांधता है ? [१६-१ उ.] गौतम ! (ज्ञानावरणीयकर्म को) संज्ञी कदाचित् बांधता है और कदाचित् नहीं बांधता । असंज्ञी बांधता है और नोसंज्ञी - नोअसंज्ञी नहीं बांधता । [२] एवं वेदणिज्जाऽऽउगवज्जाओ छ कम्मप्पगडीओ । [१६-२] इस प्रकार वेदनीय और आयुष्य को छोड़ कर शेष छह कर्मप्रकृतियों के विषय में कहना चाहिए । [ ३ ] वेदणिज्जं हेट्ठिल्ला दो बंधंति, उवरिल्ले भयणाए । आउगं हेट्ठिल्ला दो भयणाए, उवरिल्ले न बंधइ । [१६-३] वेदनीयकर्म को आदि के दो (संज्ञी भी और असंज्ञी भी) बांधते हैं, किन्तु अन्तिम के लिए भजना है अर्थात् नोसंज्ञी - नोअसंज्ञी कदाचित् बांधता है और कदाचित् नहीं बांधता। आयुष्यकर्म को नीचे के दो संज्ञी और असंज्ञी जीव भजना से (कदाचित् बांधते हैं, कदाचित् नहीं) बांधते हैं। नोसंज्ञी - नोअसंज्ञी जीव • आयुष्यकर्म को नहीं बांधते । २७. [ १ ] णाणावरणिज्जं कम्मं किं भवसिद्धीए बंधइ, अभवसिद्धीए बंधइ, नो भवसिद्धीएनोअभवसिद्धिए बंधति ? गोमा ! भवसिद्धी भयणाए, अभवसिद्धीए बंधति, नोभवसिद्धीए - नोअभवसिद्धीए ण बंधइ । [१७-१ प्र.] भगवन् ! ज्ञानावरणीयकर्म को क्या भवसिद्धिक बांधता है, अभवसिद्धिक बांधता है अथवा नोभवसिद्धिक-नोअभवसिद्धिक बांधता है ? [२७-१ उ.] गौतम ! (ज्ञानावरणीयकर्म को) भवसिद्धिक जीव भजना से (कदाचित् बांधता है, कदाचित् नहीं) बांधता है। अभवसिद्धिक जीव बांधता है और नोभवसिद्धिक- नोअभवसिद्धिक जीव नहीं बांधता । [२] एवं आउगवज्जओ सत्त वि । [१७-२] इसी प्रकार आयुष्यकर्म को छोड़ कर शेष सात कर्मप्रकृतियों के विषय में कहना चाहिए।
SR No.003443
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 02 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1983
Total Pages669
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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