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पंचम शतक : उद्देशक - ५]
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नौ वासुदेवों के प्रतिशत्रु प्रतिवासुदेवों के नाम (१) अश्वग्रीव, (२) तारक, (३) मेरक, (४) मधुकैटभ, (५) निशुम्भ, (६) बली, (७) प्रभराज (प्रह्लाद) (८) रावण और (९)
जरासन्ध ।
इसके अतिरिक्त समवायांगसूत्र में भूतकालीन और भविष्यकालीन अवसर्पिणी और उत्सर्पिणी तीर्थंकरों और चक्रवर्तियों आदि के नामों का भी उल्लेख है; यहाँ विस्तारभय से उन्हें नहीं दे रहे हैं ।
१.
॥ पंचम शतक : पंचम उद्देशक समाप्त ॥
(क) भगवतीसूत्र ( हिन्दी विवेचन ) भाग २, पृ. ८३७ से ८३९ तक (ख) भगवतीसूत्र ( स. पू. १५० से १५५ तक)
(ग) आवश्यकनिर्युक्ति (प्रारम्भ )
(घ) भगवती० (टीकानुवाद - टिप्पणयुक्त) खण्ड २, पृ. १९५ से १९८ तक