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________________ अष्टम स्थान ६३१ ७२– जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पच्चत्थिमे णं सीतोयाए महाणदीए उत्तरे णं अट्ठ चक्कवट्टिविजया पण्णत्ता, तं जहा—वप्पे, सुवप्पे, (महावप्पे, वप्पगावती, वग्गू, सुवग्गू, गंधिल्ले), गंधिलावती। ___ जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के पश्चिम में शीतोदा महानदी के उत्तर में चक्रवर्ती के आठ विजयक्षेत्र कहे गये हैं, जैसे. १. वप्र, २. सुवप्र, ३. महावप्र, ४. वप्रकावती, ५. वल्गु, ६. सुवल्गु, ७. गन्धिल, ८. गन्धिलावती (७२)। ७३- जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमे णं सीताए महाणदीए उत्तरे णं अट्ठ रायहाणीओ पण्णत्ताओ, तं जहा खेमा, खेमपुरी, (रिट्ठा, रिट्ठपुरी, खग्गी, मंजूसा, ओमधी), पुंडरीगिणी। ___जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के पूर्व में शीता महानदी के उत्तर में आठ राजधानियां कही गई हैं, जैसे १. क्षेमा, २. क्षेमपुरी, ३. रिष्टा, ४. रिष्टपुरी, ५. खड्गी, ६. मंजूषा, ७. औषधि, ८. पौण्डरीकिणी (७३)। ७४- जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमे णं सीताए महाणईए दाहिणे णं अट्ठ रायहाणीओ पण्णत्ताओ, तं जहा सुसीमा, कुंडला, (अपराजिया, पभंकरा, अंकावई, पम्हावई, सुभा), रयणसंचया। ___ जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के पूर्व में शीता महानदी के दक्षिण में आठ राजधानियां कही गई हैं, जैसे १. सुसीमा, २. कुण्डला, ३. अपराजिता, ४. प्रभंकरा, ५. अंकावती, ६. पक्ष्मावती, ७. शुभा, ८. रत्नसंचया (७४)। ७५ जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पच्चत्थिमे णं सीओदाए महाणदीए दाहिणे णं अट्ठ रायहाणीओ पण्णत्ताओ, तं जहा—आसपुरा, (सीहपुरा, महापुरा, विजयपुरा, अवराजिता, अवरा, असोया), वीतसोगा। जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के पश्चिम में शीतोदा महानदी के दक्षिण में आठ राजधानियाँ कही गई हैं, जैसे १. अश्वपुरी, २. सिंहपुरी, ३. महापुरी, ४. विजयपुरी, ५. अपराजिता, ६. अपरा, ७. अशोका, ८. वीतशोका (७५)। ७६- जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पच्चत्थिमे णं सीतोयाए महाणईए उत्तरे णं अट्ठ रायहाणीओ पण्णत्ताओ, तं जहा विजया, वेजयंती, (जयंती, अपराजिया, चक्कपुरा, खग्गपुरा, अवज्झा), अउज्झा। जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के पश्चिम में शीतोदा महानदी के उत्तर में आठ राजधानियाँ कही गई
SR No.003440
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shreechand Surana
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1981
Total Pages827
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Dictionary, & agam_sthanang
File Size16 MB
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