________________
षष्ठ स्थान
देवियाँ निवास करती हैं, जैसे
१. श्री देवी, २. ही देवी, ३. धृति देवी, ४. कीर्ति देवी, ५. बुद्धि देवी, ६. लक्ष्मी देवी ।
नदी - सूत्र
८९
- जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं छ महाणदीओ पण्णत्ताओ, तं जहा गंगा, सिंधू, रोहिया, रोहितंसा, हरी, हरिकंता ।
जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के दक्षिण भाग में छह महानदियाँ कही गई हैं, जैसे— १. गंगा, २ . सिन्धु, ३. रोहिता, ४. रोहितांशा, ५. हरित, ६. हरिकान्ता ( ८९ ) ।
५३९
९०- - जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरे णं छ महाणदीओ पण्णत्ताओ तं जहा—णरकंता, णारिकंता, सुवण्णकूला, रुप्पकूला, रत्ता, रत्तवती ।
जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के उत्तर भाग में छह महानदियाँ कही गई हैं, जैसे—१. नरकान्ता, २. नारीकान्ता, ३. सुवर्णकूला, ४. रूप्यकूला, ५. रक्ता, ६. रक्तवती (९०) । ९१- - जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमे णं सीताए महाणदीए उभयकूले छ अंतरदीओ पण्णत्ताओ, तं जहा— गाहावती, दहवती, पंकवती, तत्तयला, मत्तयला, उम्मत्तयला ।
जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के पूर्व भाग में सीता महानदी के दोनों कूलों में मिलने वाली छह अन्तर्नदियाँ कही गई हैं, जैसे—
१. ग्राहवती, २ . द्रहवती, ३. पंकवती, ४. तप्तजला, ५. मत्तजला, ६ . उन्मत्तजला (९१) ।
९२ -- जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पच्चत्थिमे णं सीतोदाए महाणदीए उभयकूले छ अंतरणदीओ पण्णत्ताओ, तं जहा — खीरोदा, सीहसोता, अंतोवाहिणी, उम्मिमालिणी, फेणमालिणी, गंभीरमालिणी ।
जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के पश्चिम भाग में सीतोदा महानदी के दोनों कूलों में मिलने वाली छह अन्तर्नदियाँ कही गई हैं, जैसे—
१. क्षीरोदा, २ . सिंहस्रोता, ३. अन्तर्वाहिनी, ४. उर्मिमालिनी, ५. फेनमालिनी, ६. गम्भीरमालिनी (९२) । धातकीषण्ड- पुष्करवर - सूत्र
९३—– धायइसंडदीवपुरत्थिमद्धे णं छ अकम्मभूमीओ पण्णताओ, तं जहा— हेमवए, हेरण्णवते, हरिवासे, रम्मगवासे, देवकुरा, उत्तरकुरा ।
धातकीषण्ड द्वीप के पूर्वार्ध में छह अकर्मभूमियाँ कही गई हैं, जैसे—
१. हैमवत, २. हैरण्यवत, ३. हरिवर्ष, ४. रम्यकवर्ष, ५. देवकुरु, ६. उत्तरकुरु (९३) ।
९४. एवं जहा जंबुद्दीवे दीवे जाव अंतरणदीओ जाव पुक्खरवरदीवद्धपच्चत्थिमद्धे भाणितव्वं । इसी प्रकार जैसे जम्बूद्वीप नामक द्वीप में वर्ष, वर्षधर आदि से लेकर अन्तर्नदी तक का वर्णन किया गया है