________________
४७०
स्थानाङ्गसूत्रम् १०५- पंचहिं ठाणेहिं इत्थी पुरिसेण सद्धिं संवसमाणीवि णो गब्भं धरेजा, तं जहा
१. णिच्चोउया। २. अणोउया। ३. वावण्णसोया। ४. वाविद्धसोया। ५. अणंगपडिसेवणी इच्चेतेहिं (पंचहिं ठाणेहिं इत्थी पुरिसेण सद्धिं संवसमाणीवि गब्भं) णो धरेजा।
पाँच कारणों से स्त्री पुरुष के साथ संवास करती हुई भी गर्भ को धारण नहीं करती, जैसे१. नित्यर्तुका-सदा ऋतुमती (रजस्वला) रहने वाली स्त्री। २. अनृतुका- कभी भी ऋतुमती न होने वाली स्त्री।। ३. व्यापनश्रोता— नष्ट गर्भाशयवाली स्त्री। ४. व्याविद्धश्रोता- क्षीण शक्ति गर्भाशयवाली स्त्री। ५. अनंगप्रतिषेविणी- अनंग-क्रीडा करने वाली स्त्री। इन पाँच कारणों से पुरुष के साथ संवास करती हुई भी स्त्री गर्भ को धारण नहीं करती है (१०५)। १०६- पंचहिं ठाणेहिं इत्थी पुरिसेण सद्धिं संवसमाणीवि गब्भं णो धरेजा, तं जहा
१. उउंमि णो णिगामपडिसेविणी यावि भवति। २. समागता वा से सुक्कपोग्गला पडिविद्धंसंति। ३. उदिण्णे वा से पित्तसोणिते। ४. पुरा वा देवकम्मणा। ५. पुत्तफले वा णो णिविद्वे भवति–इच्चेतेहिं (पंचहिं ठाणेहिं इत्थी पुरिसेण सद्धिं संवसमाणीवि गब्भं) णो धरेजा।
पाँच कारणों से स्त्री पुरुष के साथ संवास करती हुई भी गर्भ को धारण नहीं करती, जैसे१. जो स्त्री ऋतुकाल में वीर्यपात होने तक पुरुष का सेवन नहीं करती है। २. जिसकी योनि में आये शुक्र-पुद्गल विनष्ट हो जाते हैं। ३.जिसका पित्त-प्रधान शोणित (रक्त-रज) उदीर्ण हो गया है। ४. देव-कर्म से (देव के द्वारा शापादि देने से) जो गर्भधारण के योग्य नहीं रही है। ५. जिसने पुत्र-फल देने वाला कर्म उपार्जित नहीं किया है।
इन पाँच कारणों से पुरुष के साथ संवास करती हुई भी स्त्री गर्भ को धारण नहीं करती है (१०६)। निर्ग्रन्थ-निर्ग्रन्थी-एकत्र-वास-सूत्र
१०७ – पंचहिं ठाणेहिं णिग्गंथा णिग्गंथीओ य एगतओ ठाणं वा सेजं वा णिसीहियं वा चेतेमाणा णातिक्कमंति, तं जहा
१. अत्थेगइया णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य एगं महं अगामियं छिण्णावायं दीहमद्धमडविमणुपविट्ठा, तत्थेगयतो ठाणं वा सेजं वा णिसीहियं वा चेतेमाणा णातिक्कमंति।
२. अत्थेगइया णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य गामंसि वा णगरंसि वा (खेडंसि वा कव्वडंसि वा मडंबंसि वा पट्टणंसि वा दोणमुहंसि वा आगरंसि वा णिगमंसि वा आसमंसि वा सण्णिवेसंसि वा) रायहाणिंसि वा वासं उवागता, एगतिया जत्थ उवस्सयं लभंति, एगतिया णो लभंति, तत्थेगतो ठाणं वा (सेजं वा णिसीहियं वा चेतेमाणा) णातिक्कमंति।