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स्थानाङ्गसूत्रम्
५. किंपुरुष— रथानीक-अधिपति (५८)।
५९- धरणस्स णं णागकुमारिंदस्स णागकुमाररण्णो पंच संगामिया अणिया, पंच संगामियाणियाधिपती पण्णत्ता, तं जहा—पायत्ताणिए जाव रहाणिए।
भइसेणे पायत्ताणियाधिपती, जसोधरे आसराया पीढाणियाधिपती, सुदंसणे हत्थिराया कुंजराणियाधिपती, णीलकंठे महिसाणियाधिपती, आणंदे रहाणियाहिवई।
नागकुमारराज नागकुमारेन्द्र धरण के संग्राम करने वाले पांच अनीक और पांच अनीकाधिपति कहे गये हैं, जैसे -
अनीक—१. पादातानीक, २. पीठानीक, ३. कुंजरानीक, ४. महिषानीक, ५. रथानीक। अनीकाधिपति१. भद्रसेन— पादातानीक-अधिपति। २. अश्वराज-यशोधर- पीठानीक-अधिपति। ३. हस्तिराज-सुदर्शन- कुंजरानीक-अधिपति। ४. नीलकण्ठ–महिषानीक-अधिपति। ५. आनन्द– रथानीक-अधिपति (५९)।
६०- भूयाणंदस्स णं णागकुमारिंदस्स णागकुमाररण्णो पंच संगामियाणिया, पंच संगामियाणियाहिवई पण्णत्ता, तं जहा—पायत्ताणिए जाव रहाणिए।
दक्खे पायत्ताणियाहिवई, सुग्गीवे आसराया पीढाणियाहिवई; सुविक्कमे हत्थिराया कुंजराणियाहिवई, सेयकंठे महिसाणियाहिवई, णंदुत्तरे रहाणियाहिवई।
नागकुमारराज नागकुमारेन्द्र भूतानन्द के संग्राम करने वाले पांच अनीक और पांच अनीकाधिपति कहे गये हैं, जैसे
अनीक—१. पादातानीक, २. पीठानीक, ३. कुंजरानीक, ४. महिषानीक, ५. रथानीक। अनीकाधिपति१. दक्ष- पादातानीक-अधिपति। २. सुग्रीव अश्वराज- पीठानीक-अधिपति। ३. सुविक्रम हस्तिराज- कुंजरानीक-अधिपति। ४. श्वेतकण्ठ– महिषानीक अधिपति। ५. नन्दोत्तर— रथानीक-अधिपति (६०)।
६१- वेणुदेवस्स णं सुवण्णिदस्स सुवण्णकुमाररण्णो पंच संगामियाणिया, पंच संगामियाणियाहिपती पण्णत्ता, तं जहा—पायत्ताणिए, एवं जधा धरणस्स तधा वेणुदेवस्सवि। वेणुदालियस्स जहा भूताणंदस्स।
सुपर्णकुमारराज सुपर्णेन्द्र वेणुदेव के संग्राम करने वाले पांच अनीक और अनीकाधिपति धरण समान कहे