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________________ ३४४ स्थानाङ्गसूत्रम् इन चार कारणों से मनुष्यलोक में (भाव से, द्रव्य से अथवा द्रव्य-भाव दोनों से) अन्धकार हो जाता है (४३५)। ४३६- चउहिं ठाणेहिं लोउज्जोते सिया, तं जहा—अरहंतेहिं जायमाणेहिं, अरहंतेहिं पव्वयमाणेहिं, अरहंताणं णाणुप्पायमहिमासु, अरहंताणं परिनिव्वाणमहिमासु। चार कारणों से मनुष्यलोक में उद्योत (प्रकाश) होता है, जैसे१. अर्हन्तों-तीर्थंकरों के उत्पन्न होने पर, . २. अर्हन्तों के प्रव्रजित (दीक्षित) होने के अवसर पर, ३. अर्हन्तों को केवलज्ञान उत्पन्न होने की महिमा के अवसर पर, ४. अर्हन्तों के परिनिर्वाण कल्याण की महिमा के अवसर पर। इन चार कारणों से मनुष्यलोक में उद्योत होता है (४३६)। ४३७–एवं देवंधगारे, देवुजोते, देवसण्णिवाते, देवुक्कलियाए, देवकहकहए, [चउहि ठाणेहिं देवंधगारे सिया, तं जहा—अरहंतेहिं वोच्छिज्जमाणेहिं, अरहंतपण्णत्ते धम्मे वोच्छिज्जमाणे, पुव्वगते वोच्छिज्जमाणे, जायतेजे वोच्छिजमाणे]। चार कारणों से देवलोक में अन्धकार होता है, जैसे१. अर्हन्तों के व्युच्छेद हो जाने पर, २. अर्हत्प्रज्ञप्त धर्म के व्युच्छेद हो जाने पर, ३. पूर्वगत श्रुत के व्युच्छेद हो जाने पर, ४. अग्नि के व्युच्छेद हो जाने पर। इन चार कारणों से देवलोक में (क्षण भर के लिए) अन्धकार हो जाता है (४३७)। ४३८– चउहिं ठाणेहिं देवुजोते सिया, तं जहा—अरहंतेहिं जायमाणेहिं, अरहंतेहिं पव्वयमाणेहिं, अरहंताणं णाणुप्पायमहिमासु, अरहंताणं परिणिव्वाणमहिमासु। चार कारणों से देवलोक में उद्योत होता है, जैसे१. अर्हन्तों के उत्पन्न होने पर, २. अर्हन्तों के प्रव्रजित होने के अवसर पर, ३. अर्हन्तों के केवलज्ञान उत्पन्न होने की महिमा के अवसर पर, ४. अर्हन्तों के परिनिर्वाणकल्याण की महिमा के अवसर पर। इन चार कारणों से देवलोक में उद्योत होता है (४३८)। ४३९- चउहिं ठाणेहिं देवसण्णिवाते सिया, तं जहा—अरहंतेहिं जायमाणेहिं, अरहंतेहिं पव्वयमाणेहि, अरहंताणं णाणुप्पायमहिमासु, अरहंताणं परिणिव्वाणमहिमासु। चार कारणों से देव-सन्निपात (देवों का मनुष्यलोक में आगमन) होता है, जैसे
SR No.003440
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shreechand Surana
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1981
Total Pages827
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Dictionary, & agam_sthanang
File Size16 MB
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