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सूत्रांक
द्वितीय उद्देशक
१५२-१५३ १५४-१५६
अप्रमाद का पथ परिग्रहत्याग की प्रेरणा
१४०-१४४ १४४-१४६
तृतीय उद्देशक
१५७
१५८
मुनि-धर्म की प्रेरणा तीन प्रकार के साधक अन्तरलोक का युद्ध सम्यक्त्व-मुनित्व की एकता
१४६-१४८ १४८-१५० १५०-१५२ १५२-१५३
१५९-१६० १६१
चतुर्थ उद्देशक
१६२ १६३ १६४-१६५
चर्याविवेक कर्म का बंध और मुक्ति ब्रह्मचर्य-विवेक
१५३-१५७ १५७-१५८ १५८-१६१
पंचम उद्देशक
१६६ १६७-१६८ १६९
आचार्य महिमा सत्य में दृढ़ श्रद्धा सम्यक्-असम्यक् विवेक अहिंसा की व्यापक दृष्टि आत्मा ही विज्ञाता
१६१-१६२ १६३-१६४ १६५-१६६ १६६-१६७ १६७-१६८
१७०
१७१
षष्ठ उद्देशक
१७२-१७३ १७४-१७५ १७६
आज्ञा-निर्देश आसक्तित्याग के उपाय मुक्तात्म-स्वरूप
१६८-१७१
१७१ १७१-१७३
१७७ १७८ १७९-१८० १८१-१८२
धूत : षष्ठ अध्ययन ( ५ उद्देशक) पृष्ठ १७४ से २१५ प्रथम उद्देशक
सम्यग्ज्ञान का आख्यान मोहाच्छन्न जीव की करुणदशा आत्म-कृत दुःख
धूतवाद का व्याख्यान द्वितीय उद्देशक
सर्वसंग-परित्यागी धूत का स्वरूप विषय-विरतिरूप उत्तरवाद एकचर्या निरूपण
१७५-१७६ १७६-१७९ १७९-१८२ १८२-१८५
१८३ १८४-१८५
१८५-१८८ १८८-१९३ १९३-१९४
१८६
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