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सूत्रांक
१-३
४-९
१०-१४
१५-१८
१९-२१
२२-३१
३२
३३-३९
. ४०-४१
४२-४४
४५-४८
४९
५०-५१
५२-५५
५६
५७-६१
६२
आचारांग सूत्र
[ प्रथम श्रुतस्कन्ध : अध्ययन १ से ९ ] अनुक्रमणिका
शस्त्रपरिज्ञा : प्रथम अध्ययन (७ उद्देशक ) पृष्ठ ३ से ३५
प्रथम उद्देशक
द्वितीय उद्देश
तृतीय उद्देशक
चतुर्थ उद्देश
पंचम उद्देशक
षष्ठ उद्देशक
सप्तम उद्देश
अस्तित्त्व-बोध आस्रव-संवर-बोध
पृथ्वीकायिक जीवों की हिंसा का निषेध पृथ्वीकायिक जीवों का वेदना-बोध
अनगार लक्षण
अप्कायिक जीवों का जीवत्व
अग्निकाय की सजीवता अग्निकायिक जीव-हिंसा-निषेध
अनगार का लक्षण
वनस्पतिकाय हिंसा - वर्जन
मनुष्य शरीर एवं वनस्पति शरीर की समानता
संसार - स्वरूप
त्रसकाय-हिंसा - निषेध
त्रसकाय-हिंसा के विविध हेतु
आत्म-तुला - विवेक
वायुकायिक जीव - हिंसा - वर्जन
विरति-बोध
[३९]
पृष्ठ
३-५
६-७
८-१०
११-१२
१३-१४
१४- १८
१८-१९
१९-२२
२३-२४
२४-२५
२५-२६
२७-२८
२९
२९-३०
३१-३२
३३-३४
३४-३५