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पश्चिमी भारत की यात्रा and Company, Lombard Street) से लेन-देन करते समय उसे परमार (मिरगी) का दोरा हो गया; पन्द्रह मिनट में हो उसकी जबान बन्द हो गई
और सत्ताईस घण्टों तक बेहोश रहने के बाद १७ नवम्बर को तरेपन वर्ष की अवस्था में उसका देहान्त हो गया।
कर्नल टॉड का शरीर औसत कद से कुछ लम्बा था, गठन देखने में सुदृढ़ थी और व्यक्तित्व प्रोजस्वी प्रतीत होता था। उसका चेहरा खुला हुआ और हँसमुख था, अङ्गप्रत्यङ्गों में अभिव्यक्ति थी और जब कभी साहित्यिक अथवा वैज्ञानिक, विशेषतः भारत और राजपूताना से सम्बद्ध विषयों पर बातचीत होती तो एक असाधारण उल्लास से वे प्रदीप्त हो उठते थे। उसका ज्ञान व्यापक और बहुमुखी था, उसके लेखों से एक विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है, विशेषतः इतिहास सम्बन्धी विषयों पर, जिनमें उसने पूर्वीय एवं पश्चिमी ग्रन्थकारों के समस्त ज्ञान को समेट लिया है। संस्कृत एवं अन्य पूर्वीय साहित्यिक भाषाओं से तो वह इतना सुपरिचित नहीं था परन्तु पश्चिमी भारत की बोलियों से उसका गहरा सम्बन्ध था जो उसके लिए मौखिक जानकारी प्राप्त करने एवं बातचीत का मुख्य साधन बनी हुई थी और जिनमें राजपूताना के ऐतिहासिक ज्ञान-विज्ञान का भण्डार भरा पड़ा है। उसके चारित्रिक गुणों में अदम्य उत्साह, परले दर्जे का साहस, निर्णयात्मक सूझ और अध्यवसाय तथा अपरिवर्तनीय दढ़संकल्प प्रमुख थे तथा अपनी स्वतंत्र प्रात्मशक्ति के कारण अन्याय एवं अपहरण के विरुद्ध वह चिढ़ कर विद्वेषी (विराधी) भी बन जाता था। स्वभाव में दयालुता, स्नेहभाव की ऊष्मा, व्यवहार को रम्यता, स्पष्टवादिता और निर्व्याज सरलता के कारण उक्त गुणों में चार चाँद लग गए थे; बिरले ही मनुष्यों में हृदय की ऐसी पारदर्शी स्वच्छता पाई जाती है जिसको इसकी आपात दुर्बलता छू न पाई हो। अमर्यादित अधिकारों का उपभोग करते हुए रियासतों पर शासन करने के उपरान्त भो-क्योंकि भारत में राजनैतिक प्रतिनिधि के अधिकार बहुत विस्तृत हैं-सत्ता का मद, उद्वेगकारक कर्तव्यों से उत्पन्न चिड़चिड़ाहट और रह-रह कर होने वाले रोग के आक्रमण भी उसके स्वभाव में संक्षोभ पैदा न कर सके और न उसके चारित्रिक सद्गुणों में ही कोई परिवर्तन ला सके; उसके सहयोगी अधिकारी बन्धुओं ने अन्त तक उसको वैसा ही मिलनसार और सौजन्यपूर्ण पाया जैसा कि वह अट्ठारह वर्ष को अवस्था में १४ वीं 'नेटिव इन्फेण्ट्री में अधीनस्थ कर्मचारी के रूप में था।
राजपूताना जैसे प्रदेश में राजनोतिक पुननिर्माण के लिए कर्नल टॉड से अच्छा और कोई आदमो नहीं मिल सकता था, जिसकी भावनाएं और गुण,
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