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पश्चिमी भारत की यात्रा अतः यहाँ पर उनके विषय में कुछ कहना [पाठकों को अस्वीकार्य न होगा। वे लम्बे और दुबले पतले थे और यद्यपि जब मैं उनसे विदा हुआ तब उनकी अवस्था तीन-बीसी [साठ, three scores] से अधिक नहीं थी तो भी उनके रजत केशों के कारण वे सद्यः नमस्करणीय लगतेथे । जब वे अपने हवा में लहराते हुए लम्बे दुपट्टे सहित हाथ में दण्ड लिए और नंगे सिर कमरे में आए तो एक सच्चे 'विद्वान्' जान पड़ते थे। वे बुद्ध के उपासक थे। इन प्राचीन काल के अवशेषों को ढूंढते-फिरने में उनको भी मेरे ही जितना रस पाता था और मेरे मुख्य अनुसन्धानों में उनके विशाल ऐतिहासिक ज्ञान एवं शिलालेखों के पढ़ने में असाधारण धैर्य के प्रति मैं कृतज्ञ हूँ। उसी समय में अपने प्रिय और बहादुर घोड़े 'जावदिया' से भी विदा हुआ। यह अश्व उदयपुर के राणा ने मुझे बख्शीश (भेंट) में दिया था और अब मैंने यात्रा के अनन्तर इस विशेष प्रार्थनासहित उसे लौटा दिया कि स्वयं राणा अथवा मेरे वृद्ध अश्वपाल के अतिरिक्त और कोई उसकी पीठ पर न चढ़े तथा महान सैनिक उत्सव 'दशहरा' के अवसर पर सब से पहले पूजित होने का सम्मान भी उसको प्राप्त हो।
वियोग के अवसाद भरे भावों से छुट्टी पाने के लिए मैंने मानचित्र फैला लिया और अपने सामने 'Eclaircissemens de la carte D I' Inde'' (भारत के मानचित्र का स्पष्टीकरण] सहित बैठ गया; बराई (Baraee) के द्वीप अब भी आंखों के सामने थे और मैं इन विचारों में डूब गया कि टॉलमी और पॅरीप्लूस के कर्ता के समय से अब तक कच्छ के काँठी (कांठा) में क्या-क्या परिवर्तन आ चुके थे। अपर ग्रन्थकार ने, बहुत सम्भव है, अपने व्यापारिक प्रसंग में भडौंच से पाकर इसे देखा होगा; उसने लिखा है 'बराई (Barace) के पूर्व में एक गहरी खाड़ी है जो सप्त-संख्यक अन्य द्वीपों से उसे पृथक करती है। और मिस्री भूगोलवेत्ता के आधार पर द' आनविले लिखता है 'बलसेटी (Balseti) अथवा बरसेटी (Barseti) नामक एक बन्दरगाह है जो पूर्व में टॉलमी द्वारा कथित बराई (Baraee) और कुछ अन्य द्वीपों को सूचित करता है और 'कांठी कालपस' के प्रवेशद्वार के दक्षिण में है । अब यह प्रमाणित करने के लिए किसी दलील की आवश्यकता नहीं रह गई है कि बेट अथवा 'जल-दस्युओं का द्वीप' ही वह स्थान है जिसको स्थिति के आधार पर द' आनविले ने 'बलसेटी' (Balseti) की संज्ञा दी है और जो दूसरी शताब्दी में 'बराई' (Baraee) कहलाता था; इन चिह्नों में से अन्तिम कुछ के साथ अब नाम मात्र की ही समानता बाकी रह गई है- पहली इसकी
द' अॉनविले की कुति ।
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