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________________ पश्चिमी भारत की यात्रा (Molucca Islands) • गया, तदुपरान्त तबादला होकर मॅराइन द्वीप चला गया और वहां मॉरिंगटन (Morington) नामक जहाज पर उसी स्थिति में काम मेरी होटली के साथ हुमा था। मिस्टर होटली लंकाशायर के रहने वाले थे और न्यू पोर्ट रोठ द्वीप, अमेरिका (New Port, Rhode Island, America) में जाकर बस गए थे। वहीं पर उनका विवाह बलवांडेन (Bellwadden) निवासी स्यूटानिप्रस प्राण्ट (Suetonius Grant) की पुत्री 'मेरी' के साथ हुमा, जो इन्टरनेस (Inverness) छोड़ कर न्यू पोर्ट रोढ द्वीप में व्यापारी के रूप में १७२५ ई० में जा कर बस गए थे; वहीं पर १७४४ ई० में बारूद के विस्फोट के कारण उनकी मत्य हो गई । मिस्टर होटली का (जो बंगाल सिविल सविस के प्रसिद्ध स्व० मि. पैट्रिक होटली के भी पिता थे) समाधि. स्थल न्यूपोर्ट में है। वहाँ एक पत्थर में उनका स्मति लेख इस प्रकार खुदा हुमा है-'इस राज्य के सबसे सच्चे और सम्माननीय व्यापारी सज्जन' । सूटॉनिअस प्राण्ट डॅल्बी (Dal. vey) faaral sa 9102 (Donald Grant) at Fatet retail (Marjorie Stewart) का पुत्र था । मेजोंरी बैन्फ (Banff) प्रदेश के किन्मीचली (Kinmeachley) के बेरन (Baron) वंश की थी। सूटॉनिमस के माता पिता उसे बचपन में ही छोड़ कर मर गए थे और अपने नाना की मृत्यु के उपरान्त वह बॅरन पद पर प्रतिष्ठित हुमा। परन्तु, उसने 'मई दुनियाँ', अमेरिका में व्यापारी के रूप में बसने का निश्चय कर लिया था इसलिये अपने भतीजे और लन्दन के प्रसिद्ध व्यापारी मि. अलेक्जॉण्डर ग्राण्ट को 'बरन' पर बेचकर वह लॉङ्ग द्वीप न्यूयॉर्क (Long Island, New York) के लिए रवाना हो गया। यहां उसकी जान-पहचान मिस्टर थामस टालमेक अथवा टालमेज (अमेरिका में टॉलमेक को टॉलमेन ही बोलते हैं) से हो गई, जो डाइसाट (Dysart) वंश के थे और उनकी जायदाद 'लाङ्ग दोप' में ही पूर्षीय हैम्पटन (East Hampton) में पो; वहीं नब्बे वर्ष की अवस्था में उनका देहान्त हो गया । इन सज्जन के पितामह प्यूरिटन ईसाई थे और मोलिवर क्रॉमवेल (Oliver Cromwell) को प्रोटॅक्टोरेट (Protectorate) के अंतिम दिनों में इंगलैण्ड छोड़ कर यहां मा गए थे । सूटॉनिमस प्राण्ट ने इन 'टालमेज' महाशय की पुत्री टेम्परेन्स (Temperance) से विवाह कर लिया थाजिसके एक पुत्र भी हमा। उसने बॅरन पद के लिए दावा किया परन्तु उसके कोई संतान नहीं थी। (उसकी पत्नी व इकलौता पुत्र न्यूपोर्ट में ही मर गए थे) इसलिए वह पद सर प्रलॅकजाण्डर ग्राण्ट के ही वंश में चला पा रहा है। न्यूयार्क के टालमेज बहुत बड़े प्रतिष्ठित वंश के हैं। इनमें से एक सज्जन यूनाइटेड स्टेट्स की सेना में जनरल हैं और दूसरे जज हैं। श्रीमती टॉड, जो सर सूटानिप्रस की दोहिती और क. टॉड की माता हैं अपनी सुझा बूझ और समझदारी के लिए प्रसिद्ध है और अभी तक [१८३६ ई. तक] बड़ी अवस्था में जीवित है। • इस अभियान की योजना लॉर्ड वेलेजली द्वारा बनाई गई प्रतीत होती है और ट्रिकोमली (Trincomallea) को संकेतस्थल बनाने के प्रावेश भी हुए थे, परन्तु बाद में इसे कार्य रूप में नहीं लाया गया। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003433
Book TitlePaschimi Bharat ki Yatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJames Taud, Gopalnarayan Bahura
PublisherRajasthan Puratan Granthmala
Publication Year1996
Total Pages712
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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