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ग्रन्थकर्ता-विषयक संस्मरण
यदि गिबन' के कथनानुसार 'दुनियाँ उन लोगों का इतिहास जानने के लिए उत्सुक रहती है, जो अपने पीछे अपने मस्तिष्क की प्रतिकृति छोड़ जाते हैं तो वह उत्सुकता स्वभावतः उस दशा में और भी बलवती हो उठती है जब किसी लेखक की कृति उसकी मृत्यु के उपरान्त प्रकाश में आती है।
लेफ्टिनेण्ट कर्नल जेम्स टॉड मिस्टर जेम्स टॉड का द्वितीय पुत्र था और उसका जन्म २० मार्च, १७८२ ई० के दिन इस्लिंग्टन में हुआ था। सहजरूप में उसका उद्देश्य व्यापारिक जीवन विताने का होता, परन्तु उसका रुझान (जो उसको जहाजी जीवन की ओर अग्रसर करता) रोकड़िया के गल्ले' से विद्रोह कर उठा इसलिए उसके चाचा मि० पंट्रिक होटली (Mr. Patric Heatly) ने १७६८ ई० में उसको ईस्ट इण्डिया कम्पनी की सेवा में कैडटशिप (उम्मीदवारी) दिलवा दी और वह रॉयल मिलोटरी एकॅडमी, वूलविच में भेज दिया गया, जहाँ एडिस्कॉम्बे में कम्पनी का शिक्षा-संस्थान स्थापित होने से पहले केवल गिने-चुने शिक्षाथियों को ही शिक्षा दी जाती थी। १७६६ ई० में वह बंगाल के लिए रवाना हुआ। दूसरी यूरोपियन रेजीमेण्ट में उसको कमीशन (पद) दिए जाने की तारीख ६ जनवरी, १८०० ई० थी। फिर वह स्वेच्छा से मोलक्का द्वीप
' 'रोम साम्राज्य का पतन और नाश' (The Decline and Fall of the Roman
Empire) पुस्तक का प्रसिद्ध लेखक ।
इस ग्रन्थ की गणना संसार के महान् ग्रन्थों में होती है । २ फर्नल टॉड का पिता स्काटलैण्ड का निवासी था। वह हेनरी टॉड और जेनेट मॉन्टीय
(Jenet Montieth) की प्रथम संतान के रूप में २६ अक्टूबर, १७४५ ई० में पंदा हुआ था। वह उस प्राचीन वंश से संबद्ध था जिसके एक पूर्वज जान टॉड ने रावर्ट बेस के बच्चों की उस समय रक्षा की थी जब वे इंगलैण्ड में बन्दी थे । स्वयं बादशाह ने अपने हस्ताक्षरों से उसको 'नाइट बॅरोनेट' का पद और 'टॉर्ड' का शीर्षचिन्ह (स्कॉटलैण्ड में 'टॉड' लोमड़ी को कहते हैं) तथा 'Vigilantia' (सतर्क) का 'प्रादर्श-शब्द' (motto) प्रयुक्त करने की अनुमति प्रदान की थी, जिसका प्रयोग उस वंश में अब तक होता है। मिस्टर टॉड (क० टॉड के पिता) का विवाह न्यूयार्क में ४ नवम्बर, १७७९ ई० को मि० एण्ड्यू स होटली (Mr. Andrews Heatly) की पुत्री कुमारी
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