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पश्चिमी भारत की यात्रा विराजमान हैं । भारतीय बौद्धों [जनों ?] के नेमि और बृटिश-संग्रहालय [म्यूजियम स्थित मिस्री मेमनॉन' की मूर्तियों में अत्यधिक साम्य की बात प्रायः मेरे मस्तिष्क में आती रही है और बहार्ड [Burckhardt] के निम्न अनुच्छेद से तो यह विचार और भी सशक्त होकर मेरे मन में जोर पकड़ गया 'नूबिया (Nubia) * में एब्सम्बोल (Ebasamboul) के कोलोसो (Colossi) के शिरों का इससे बहुत साम्य है; केवल अन्तर इतना ही है कि वे बलुआ पत्थर के बने हुए हैं । मुख पर भाव भी प्राय: समान ही हैं; कदाचित् नूबिया वालों में गम्भीरता अधिक है, परन्तु असाधारण शान्ति और देव-सुलभ गाम्भीर्य एवं सुकुमारता दोनों ही में दर्शनीय है।' नेमिनाथ का वर्णन करने के लिए इससे मौर अच्छी भाषा का प्रयोग नहीं किया जा सकता कि उनके धुंघराले ईथोपिक [मिस्री) बाल, पद्मचिह्न और श्याम वर्ण इन्हीं भावों को उत्पन्न करते हैं कि प्राचीन काल में भारतीय सीरिया और लाल समुद्र के तटीय प्रदेश में अवश्य ही धार्मिक एवं व्यापारिक सम्बन्ध विद्यमान थे।
महलों के खण्डहरों का विस्तृत वर्णन करना अनावश्यक होगा-इसको लेखनी की अपेक्षा पेंसिल अधिक अच्छी तरह बता सकेगी । जूनागढ़-राजवंश के संस्थापक के वंशवृक्ष को लेकर उसके मूल का आदर करते हुए यदि मैं परम्परा का बखान करने लगे तो पाठक मुझे और भी कम धन्यवाद देंगे। अस्तु, महाभारत के अनन्तर कई पीढ़ियों बाद ये रुद्रपाल से प्रारम्भ करते हैं। वंश का उद्गम कृष्ण और उनकी पत्नी रुक्मिणी के पुत्र प्रद्युम्न से हुआ है। ऐसे पारम्परिक विवरणों का अन्त उस समय तक नहीं पाता जब तक कि हम माण्डलिक और उसके पुत्र खंगार तक नहीं पहुँच जाते, जो देवड़ी रानी से विवाह करने के लिए अणहिलवाड़ा के राजा सिद्धराज का प्रतिस्पर्धी था; और क्योंकि यह राजा [सिद्धराज] इस प्रायद्वीप को भी अपने विजय किए हुए अट्ठारह राज्यों में ही गिनती
' मेमनॉन (Memnon) ग्रीक पुराण-शास्त्र में टीथॉनस (Tithonus) और इमोस
(Eos) के पुत्र के रूप में प्रसिद्ध है। वह बहुत सुन्दर था और ट्रॉजन युद्ध में ग्रीकों की सहायता करता हुआ एचीलीज़ (Achillies) द्वारा मारा गया था।
-N. E.S. p. 875 २ अफ्रीका में लाल समुद्र से नील नदी तक और मिस्र से अबीसीनियों तक फैला हुआ भू-भाग,
जो बाद में इथोपिया कहलाने लगा। • मेमनॉन की दो विशाल मूर्तियां जो ऊंचाई में ७० फीट बताई जाती हैं। ये भी संसार
के सात आश्चर्यो में परिगणित ।-N. S. E. p. 306
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