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पश्चिमी भारत की यात्रा हुए हैं, जो हिन्दू पौराणिकों के ग्रिफ़िन (Grifin)' हैं। एक हल्की-सी मेखला इसको दूसरी शोर्ष-पंक्ति से विभक्त करतो है जो गज-तूड़ (Guj-turh) अथवा गज-पंक्ति कहलाती है और इसमें इस श्रेष्ठ पशु की गले तक की अर्धाकृतियाँ बनी हुई हैं। इसके ऊपर अश्व-तूड़ (aswa-turh) है, जिसमें विविध भंगियों में अश्व बने हुए हैं और इससे भी ऊपर की पट्टी में, जो कुछ अधिक चौड़ी है, (ईश्वर के मन्दिर में विशिष्ट माने गए) मतवाले मद्यपी नर्तकों की टोलियाँ उत्कीर्ण हैं, जो विविध प्रकार के वाद्य लिए हुए हैं और नाना प्रकार के हावभाव प्रदर्शित कर रहे हैं ।' पीठिका से ऊपर उत्कीर्ण प्राकृतियाँ कुछ बड़ी हैं और समूहों में बनी हुई हैं, परन्तु वे इतनी छिन्न-भिन्न हैं कि उनका विवरण देना असम्भव है । एक स्थान पर कुछ बचे हुए अंशों से पता चलता है कि उनमें रहस्यमय 'रासमण्डल' की उन 'स्वर्गीय अप्सराओं' का अंकन हुआ है जिनकी ताल और गति समस्त लोकों की ताल और गति का प्रतिरूप है। यद्यपि उनके शिर, बाहु और पैर सुसलिम-हथौड़े के शिकार हो चुके हैं परन्तु कुछ बचे हुए मुख्य भागों से ज्ञात होता है कि इनमें कोरणी का उत्कृष्ट काम हुआ है।
मण्डप का गुम्बज पूर्ण है परन्तु दुर्भाग्य से यह मूल आयोजना के अनुरूप नहीं है इसलिए यह विश्वास नहीं होता कि यह हिन्दू-निमिति है। मेहराब की चौड़ाई बत्तीस फीट है और सिरों पर चपटे अर्डाण्ड का भाग होने के कारण इसकी ऊँचाई व्याल से अधिक है अर्थात् धरातल से मेहराब को उठान तक लगभग तोस फीट है। छतरीका खम्भों पर टिकी हुई है (जो अष्टकोण बनाते हैं। जिनके शीर्ष घने अतिभारी पट्टो द्वारा सम्बद्ध हैं; गुम्बज की प्राकृति एक जहाजी पिण्ड के समान है और इस पर कितनी ही परतें चढ़ी हुई हैं, जैसे छोटे डबोरे, सफेद मिट्टी और ऊपर चूने की लोई; इसका आपेक्षिक गुरुत्व महान है, रचना असामान्यतया सुदृढ़ है और टकोरने पर इसमें से धातु के
' ग्रीक देवशास्त्र के काल्पनिक जन्तु, जिनके पैर और पंजे शेर के समान तथा चोंच और
मुख बाज के समान माने गये हैं। २ वास्तुशास्त्र में ये तीन प्रकार के थर (स्तर ?) कहलाते हैं--१. गजथर, २. अश्वथर
और ३. नरथर । 3 मेरी नौष में यहां कुछ गड़बड़ी है । मैं ज्यों की त्यों शब्दावली उद्धृत करता हूं। 'मेहराब
(arch) की चौड़ाई (Span) बत्तीस फीट है, उसकी ऊंचाई भी प्रायः, इतनी ही है और धरातल (ground) से उठान या कमान (Spring) तीस फीट है।' मैं समझता हूँ कि मैंने भूल से शीर्ष (Vertex) के स्थान पर Spring (कमान) लिख दिया है ।
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