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पश्चिमी भारत की यात्रा . बाजरा के पतले डण्ठल बता रहे थे कि अनियमित वर्षा से गुजरात का प्रायद्वीप भी कम प्रभावित नहीं था। मुझे कपास के कुछ बहुत अच्छे खेत देख कर कृषीय अर्थशास्त्र की यह नई जानकारी प्राप्त हुई कि उन्हीं खेतों में एरण्ड की भी होनहार फसल लहलहा रही थी। मुझे बताया गया कि पानी केवल बीस ही फीट गहरा था, परन्तु गेहूं की सिंचाई के लिए न कुंए थे न अन्य साधन । गोगो छोड़ने के उपरान्त मुझे कोई ऐसे चिह्न भी दिखाई नहीं दिए कि जिनसे सिंचाई होती हो, यद्यपि गेह के लिए इससे अच्छी मिट्टी नहीं हो सकती। यह कमी अवश्य ही राजनैतिक कारणों से रही होगी। कसबे के पास होकर छोटा-सा नाला बहता है, जिसमें बड़ी सुन्दर मछलियां हैं। ये उत्तर भारत की गोरया मछली जैसी हैं और सफेद (मछली) से बहुत समानता लिए हुए होती हैं ।
प्राकला - नवम्बर २०वीं- हमें डर था कि यदि एक सांस में अमरेली पहुँचे, जो बाईस मील थी, तो हमारे साथी थक जाएंगे इसलिए हमने इस मंजिल के विभाग करने का निश्चय किया; परन्तु, जब मालूम हुआ कि आकला पिछले मुकाम से केवल नौ ही मील था तो कुछ चिढ़-सी हुई। हम अपने डेरे पर प्रातः ८ बजे ही पहुँच गये और उस समय तापमापक ६८° बता रहा था । यह एक सुन्दर झरने के किनारे बसा हुआ छोटा-सा गांव है। इस झरने को सौराष्ट्र राज्य में नदी कहते हैं। मिट्टी, सतह और फसलें कल जैसी ही हैं परन्तु यहां के दृश्य अधिक प्रभावोत्पादक हैं, जिनकी सीमा दोनों ओर गिरिनार और शत्रुञ्जय को स्पर्श करती है । बीच-बीच में कुछ और भी छोटी-छोटी पहाड़ियां आ गई हैं। मैं छोटी-छोटी पहाड़ियों के एक समूह को पार करता हुआ निकला जहां खोडिया माता का मन्दिर है-यह बड़ी दुर्गम्य यात्रा का स्थान है। कोई भी तपस्वी यहां लम्बे समय तक दुःख भोगे बिना नहीं रह सकता। उसके शरीर और श्रद्धा में कितनी भी दृढ़ता क्यों न हो, इस महामारी के स्थान में दुःख सहन करता हा कोई अधिक से अधिक तीन महीने का समय निकाल ले तो निकाल ले, इससे अधिक सम्भव नहीं है। हां, लोगों का कहना है कि हर दूसरे या तीसरे वर्ष अपने-आप आग लग कर पूरा जंगल का जंगल भस्म हो जाता है और यों यहां की हवा शुद्ध हो जाती है। इससे हम यह अनुमान लगा सकते हैं कि यह कोई भूगर्भीय अग्नि है, जो समय-समय पर भड़क उठती है और वाय-मण्डल में भी गंधक का मेल तो बना ही रहता है। सौती या साती (Soutee) नामक छोटासा गांव यहां से तीन मील की दूरी पर है।
अमरेली - नवम्बर २१वीं - तेरह मील । सड़कें उत्तम और मिट्टी के प्राकृतिक रूप में उपजाऊ होने का जवाब नहीं। प्रायद्वीप में अब तक देखी हुई सभी
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