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पश्चिमी भारत की यात्रा
गोहिल सरदार के थे । उन्होंने अपने सबसे बड़े जहाज का इतिहास बहुत ही भावपूर्ण शब्दों में आरम्भ किया, जो मोज़ाम्बिक' से गुलामों का काफिला ले जाते हुए पकड़े जाने के कारण बम्बई के जहाजी न्यायालय द्वारा ख़ारिज कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि उनका उस व्यापार से कोई सम्बन्ध नहीं था, चाहे वह अवैध हो अथवा श्रीर कुछ; उन्होंने तो वह एक व्यापारी को निश्चित रकम में किराए दिया था और अपने किराए की रकम के अतिरिक्त और किसी बात से उनका कोई सम्बन्ध नहीं था । हमारे जहाजी व्यापार के नियमों को न जानने के कारण उन्हें जहाज - स्वामी के अवैध व्यवसाय के आधार पर जहाज को खारिज कर देने में कोई न्याय दृष्टिगत नहीं होता था । हमने उन्हें फैसला लोटने के सम्बन्ध में कोई आश्वासन नहीं दिया। उनकी प्राय का अधिकांश बन्दरगाह के कर से प्राप्त होता था, जो पहले तो सात लाख तक पहुंच जाता था परन्तु जबसे हमने पड़ोस के बन्दरगाहों और व्यापारिक मण्डियों, जैसे धोलारा आदि पर अधिकार प्राप्त किया है, उनकी यह श्रमदनी आधी से भी कम रह गयी है; भूमि के लगान से भी लगभग उनको इतनी ही आय होती है और सब मिल कर सात लाख के लगभग रकम प्राप्त हो जाती है । उन्होंने मुझे बताया कि गोहिलवाड़ प्रान्त के भीतर और बाहर कुल आठ सौ ग्राम उनके आधीन थे और वस्तुतः वे प्रायद्वीप के चतुर्थांश के स्वामी थे क्योंकि अपने प्रदेश के अतिरिक्त काठियावाड़ झालावाड़ और सुदूर बाबरियावाड़ तक में जीत कर बहुत-सी भूमि उन्होंने अपने अधिकार में कर रखी थी । परन्तु, विजय की भावना अब प्रायः बैठ चुकी है और इस सर्वत्रव्यापी शान्ति के काल में अधिकार ही स्वामित्व का मूल बन गया है ।
अब में गोहिल वंश का साधारण सा चित्रण प्रस्तुत करूँगा, मुख्यतः यह बताने के लिए कि समय एवं स्थानभेद अथवा दशा और व्यवसाय- परिवर्तन के कारण कोई राजपूत सरदार अपनी वंश-परम्परा को कभी नहीं भूल सकता है । ऐसा होता है कि भ्रमणशील कविपुत्र ( भाट ) ही प्रतिवर्ष प्राचीन खेरभूमि से आकर इन लोगों को प्रतीत की याद दिलाते हैं, क्योंकि कविता श्रौर व्यापार इस सृष्टि में विपरीत दिशा में रहने वाली वस्तुएं होने के कारण हिन्दू देवी सरस्वती का मन समुद्री बन्दरगाहों और रूई की गाँठों में प्रसन्न नहीं रह सकता; और, यह मानना पड़ेगा कि भावनगर के इतिहासलेखक, मुझे अब तक मिले हुए लेखकों में, सब से अधिक अनपढ़ थे। गोहिलों की
१ पूर्व य अफ्रीका का एक पुर्तगाली बन्दरगाह |
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