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________________ प्रकरण - १३; पाश्चर्यकारक विविध वस्तुएं [ २७६ एवं नक्षत्र-समूह सम्बन्धो स्लाइडे (काच-पट्टियाँ) भी थीं तथा स्लाइडों का एक अन्य सैट हिन्दू पौराणिक दृश्यों का था, जो जोन्स को आर्डर देकर बनवाया गया था; कुछ और भी स्लाइडे स्थलीय दृश्यों तथा 'हॉल्बीन" द्वारा चित्रित 'मृत्यु-नत्य' आदि की थीं; इनके अतिरिक्त तरह-तरह के प्राईने थे, जिन में वस्तुओं के विकृत रूप और लम्बे अथवा छोटे चेहरे दिखाई देते थे, इस की सहायता से सिन्धिया ने अपने एक सरदार को डरा दिया था। जिससे उसको बीमारी का दौरा हो गया। रासायनिक प्रयोगों से तो लोगों को विशेष प्राश्चर्य होता ही था पर पदार्थों और रंगों के परिवर्तन को देख कर तो यही कहना पड़ता था कि 'यह क्या रहस्य है ?' परन्तु, इन चीजों में सब से अधिक आश्चर्यकारी 'कैमरा-प्रॉब्स्क्यूरा था, जिससे अच्छे-अच्छे आदमियों का भी मनोरञ्जन होता था और जिससे उदयपुर के महाराणा को अन्तिम क्षणों में भी कुछ आराम मिल सका था। वे मुझ से कहा करते थे, आप मेरे 'मन की दवा ले आए हो ?' और, मैं इन चीजों को दिखाने के लिए नित्य कई घण्टे उन के पलङ्ग के पास बैठा रहता था। ऐसे अवसरों पर उन के चारों ओर जनाने की स्त्रियां इकट्टी रहती थीं, जो परदा नहीं करती थीं, परन्तु मैं उन के नाम और गुणों के विषय में कुछ भी नहीं जानता था। इतना अवश्य कहा जा सकता है कि वे कुछ चुनी हुई (मर्जीपात्र) दासियां ही होती थीं। इसके पश्चात् ठाकुर के सब से छोटे लड़के ने हमें अपने चीनी खिलौने दिखाए जिनकी हम ने बारी-बारी से प्रशंसा की और हमारे मेजमान को खुशमिजाजी के कारण हमें इस कार्य में कोई कठिनाई का अनुभव नहीं हुआ। विजयसिंह के दरबार से हम उनके बन्दरगाह पर गए, जिसका उन्हें बहुत शौक था। भारत के महान् मरुस्थल से भाग कर आए हुए एक राजपूत सरदार का व्यापारी के रूप में जहाज-व्यवसायी बन जाना एक विचित्र-सी सम्मिश्रण की बात है। हमने दो जहाज देखे; एक तो बर्फ के समान सफेद था, जिसमें अट्ठारह बन्दूकों के छिद्र थे, दूसरा दो मस्तूल वाला जहाज था । छोटी-छोटी नावों, डोंगियों, दो-मस्तूलें जल-वाहनों के अतिरिक्त सभी जहाज १ हॉल्बीन (Holbien) जर्मन चित्रकार था। उसका जन्म १४६७ ई० में हुआ था। काच पर चित्र बनाने में वह बहुत कुशल था। उसके बनाए हुए धार्मिक चित्रों की बहुत प्रसिद्धि थी। वह इंगलण्ड के बादशाह हेनरी सप्तम का दरबारी चित्रकार भी रहा था । १५४३ में वह प्लेग से लन्दन में मर गया।-N.S.E., P. 645 २ अंधेरे कमरे में सफेद भित्ति पर पदार्थों का छायाचित्र फेंकने वाला यंत्र । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003433
Book TitlePaschimi Bharat ki Yatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJames Taud, Gopalnarayan Bahura
PublisherRajasthan Puratan Granthmala
Publication Year1996
Total Pages712
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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