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प्रकरण • १०; अहिलवाड़ा का व्यापार
[ २२६ और माँडवो भी इस से कुछ ही अधिक फासले पर था । यदि एण्टवर्प' (Antwerp) में "आसपास के देशों से एक बार में चार सौ जहाजों द्वारा लाए और ले जाने वाले व्यापारिक माल को ढोने के लिए दस हजार गाडियां चलती थीं" तो एक समय 'अट्ठारह राज्यों' की राजधानी बने हुए भारत के टायर (Tyre) को कौन सा गौरव प्राप्त नहीं था, जहाँ पर एशिया के प्रत्येक बन्दरगाह से जहाजों द्वारा धन खिच-खिच कर पाता था और जिसका भूमार्ग से होनेवाला व्यापार तारतारी (Tar-tary) पहाड़ों तक फैला हुआ था ? ये ऐसे तथ्य हैं जो आठवीं, दशवीं और बारहवीं शताब्दी में अरब यात्रियों को आश्चर्य से भर देते थे। अब हम एरिअन (Arrian) द्वारा सूचित बॅरिगाज़ा (Barygaza) और लाल समुद्र के बीच होने वाले व्यापार को कुछ मुख्य वस्तुओं और 'चरित्र' में वर्णित पदार्थों की तुलना करेंगे । हीरे और मोतियों आदि जवाहरात के बाद उसने प्रोजिनी [ Ozene उज्जयिनी ? ] से भेजी जाने वाली मैलो (Mallow) घास के रंग को मलमलों का विशेष रूप से वर्णन किया है । ये अणहिलवाड़ा के 'साल' हैं, जो लाल कपड़े और रेशम पर तैयार होते हैं। इनका एक बाज़ार ही अलग था। निस्सन्देह, अफ्रीका से आने वाला हाथीदांत पट्टण में एक मुख्य प्रायात की वस्तु थी। इससे हम यह परिणाम निकाल सकते हैं कि ललनामों में हाथीदांत की चूड़ियों का शौक उस समय भी इतना ही बढ़ा-चढ़ा और व्यापक रूप में प्रचलित था जितना कि अब है । मद्य भी आयात की वस्तुओं में से था; इससे ज्ञात होता है कि उन दिनों का
राजपूत भी 'प्याले' का उतना ही भक्त था जितना कि आज है । एरिपन के विद्वान् अनुवादक ने प्रश्न किया है कि 'यह ताड़ की शराब अथवा ताड़ी होती थी ?' हमारा उत्तर है 'दोनों ही नहीं, क्योंकि 'जाल' का सुगन्धित रस तो उनके घर में ही बहुत था; वे लोग तो शुद्ध अंगूर की शराब (शायद शीराज की) मंगवाते थे जिसके गीत सुलेमान और हाफिज ने भी
' बेल्जियम का बन्दरगाह । • एक विशेष प्रकार की ओढ़नी ? 3 इन चूड़ियों से स्त्रियां कभी-कभी हाथ के गट्टे से कोहनी तक का भाग हक लेती हैं। मैंने
अन्यत्र दो पाषाण मूर्तियों का वर्णन किया है, जो मोजेइक (सिनाइ पर्वत) के प्राचीन गिरजाघर के द्वार पर बनी हुई हैं । यह स्थान टॅन (Tarn) और गॅरोनी (Garonne) के जंकशन के पास है। मूर्तियां सर्वथा एशियाई पहनावे की प्रतीक है और सम्भवतः पश्चिमी गॉथ लोगों (Visigoths) के समय की हैं, जिनकी राजधानी ताउलाउस (Toulouse) थी।
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