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________________ प्रकरण-८; बलहरों का राज्य विस्तार [१६६ अब इस प्रान्त का स्थानीय ज्ञान एवं पुस्तकों तथा परम्पराओं को पूर्ण जानकारी भी सुगम नहीं बना सकते । यह तो सभी जानते हैं कि अरबी और फ़ारसी भाषा में बिन्दुओं अथवा नुक्तों के ज़रा-से हेर-फेर' से नामों का रूप कुछ का कुछ हो जाता है। ऐसे ही कुछ प्रसिद्ध नामों के उलट-फेर के उदाहरण यहाँ दिए जा सकते हैं, जिनसे विदित होगा कि इस ग्रन्थ का एक नया अनुवाद होना कितना आवश्यक है। बल्हरों के राज्य की जो सीमा कोंकण (जिसको यात्रियों ने 'कमकम' लिखा है) से चीन के छोर तक बताई गई है, वह पूर्ण रूपेण सही होती यदि 'रिलेशन्स' पुस्तक अगले राजवंश के समय में लिखी जातो जब कि सिद्धराज के अट्ठारह राज्यों के उत्तराधिकारी कुमारपाल ने 'हिमालय पर्वत को विजय कर के पाञ्चालिका की प्राचीन राजधानी सालपुरा (Salpoora) नगर में भी विजयपताका फहरा दी थी। राज्य की इस तत्कालीन सीमा पर हमारा पूरा विवाद है क्योंकि कोंकण में उस समय सोलंकी राज्य करते थे जिनके समकालीन इतिहास से उनके स्वतंत्र पड़ोसियों का पता चलता है ।' बल्हरों के सबसे बड़े शत्रु 'हरज' के राजा और 'राहमी' राजा (जिसका कुल ऊँचा नहीं था और जो दोनों ही से लड़ता रहता था) के विषय में हम अनुमान लगा सकते हैं कि वे कौन थे और अनुवादक ने अपनी टिप्पणी में यह कह कर हमारे लिए और भी अधिक गुंजाइश पैदा कर दी है कि "गोरज अथवा हरज़ इस प्रायद्वीप में कुमारी अन्तरीप और चीन के बीच में कहीं न कहीं होना चाहिए ।" 'गुजरात' शब्द भारत के आदिवासी शूद्रों में से गूजर नामक जाति से बना है; परन्तु, हमें इस बात का पता नहीं है कि इस जाति द्वारा संस्थापित कोई राज्य उस समय वर्तमान था या नहीं, और यह तो स्पष्ट ही है कि उन यात्रियों को इस बात का ज्ञान ही नहीं था कि यह नाम (गुजरात) उस समय बल्हरों के राज्य के प्रमुख भाग के लिए प्रयुक्त होता था। मेरा अनुमान है कि यह हरज का राजा गोल ' Ex. gr. p. 87 "भारत में कुछ ऐसे लोग हैं जो विकार (भिखार) Bicar कहलाते है और जो आजीवन नग्न रहते हैं।" हम यहाँ बिकार से फकोर समझ सकते हैं - यह गलती प्रशुद्ध नुकते की करामात है। इस गलती को, सेण्ट कोइस (St-Croix) ने रॉबर्ट डी नोबिली द्वारा लिखित Ezour Vedam नामक ग्रन्थ का सम्पादन करते समय ज्यों की त्यों दोहरा दी है। ने भारत के राजनैतिक भूगोल के विषय में हमें पृ० ८७ पर यात्रियों के अज्ञान का स्पष्ट पता चल जाता है जहां उन्होंने कन्नोज को गोजर (गुजरात) के राज्य में एक विशाल नगर बताया है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003433
Book TitlePaschimi Bharat ki Yatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJames Taud, Gopalnarayan Bahura
PublisherRajasthan Puratan Granthmala
Publication Year1996
Total Pages712
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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