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________________ [ १५६ जिसने गुजरात का स्वतन्त्र राज्य स्थापित किया ।" उसने कुछ ऐसे विवरण भी दिए हैं जो किसी श्रंश में 'चरित्र' से भिन्न हैं परन्तु यह स्पष्ट है कि उसके लेख का आधार वही है । प्रकररण ८ हिन्दुओं की ऐतिहासिक पुस्तकें अब, यदि संवत् ८०२ (७४६ ई०) में अणहिलवाड़ा की स्थापना से लेकर संवत् १३५४ (१२६८ ई०) में अलाउद्दीन द्वारा इसके विध्वंस तक हुए राजाओं की एक विशृंखल श्रेणी प्राप्त हो सकती है, जो शार्लमन, खलीफा हारूं' और और सैक्सन हैप्ट्राक्स् ( Saxon Heptrarchs ) से लेकर प्लाण्टा जेनेट जॉन (Plantagenet John) तक पूर्वीय राजाओं के समकालीन हुए हैं, तो क्या फिर भी हमें यही कहा जायगा कि हिन्दुओं के पास इतिहास जैसी कोई वस्तु नहीं है ? यदि इसका अर्थ यह हो कि इतिहास - शास्त्र केवल समयानुक्रमगत घटनावर्णन से ही सम्बद्ध नहीं है तो क्या संवत् १२२० में एक जैन साधु ने कुमारपाल द्वारा बलहरों का राज्य हस्तगत करने के कारणों का विवेचन करना उचित नहीं समझा केवल इसी लिए हम यह कहने के अधिकारी हैं कि उसके द्वारा वर्णित तथ्य इतिहास से सम्बन्धित नहीं हैं ? सैक्सन ( Saxon ) *, अल्स्टर और फ्रांस के ५ १ - बगदाद का खलीफा ( ७८६ ८०६ ई० ) २ सात एंग्लो-सेक्सन राजा, जिनके अधिकार में इंगलैण्ड सात राज्यों में विभषत था । राज्यों के नाम ये थे ——- Kent, Essex, Wessex, Sussex, Merica, East Anglia और Northumbria. यह समय ४४६ ई० से नवीं शताब्दी तक का माना जाता है । N. S. E., p.632 अ देखिए टिप्पणी पृ० ४६ * Saxons प्राचीन टयू टॉनिक जाति के लोगों का नाम है । टॉलमी ने ही सब से पहले इनका उल्लेख किया है और उत्तर जर्मनी में इनका निवास बताया है । ये लोग बड़े वीर गिने जाते हैं । "Sahs" एक छोटे चाकू को कहते हैं । ऐसे ही शस्त्र रखने के कारण ये सैक्सन कहलाए । कुछ लोगों का मत है कि सैक्सन एक जगह घर बना कर बसने वाले लोगों को कहते हैं । ये साधारणतया मूर्तिपूजक धर्म को मानने वाले थे । शार्लमॅन से इनकी लम्बी लड़ाई चली परन्तु अन्त में इनकी हार हुई और इन्होंने ईसाई धर्म ग्रहण कर लिया । इंगलैण्ड के विकास में इनका बड़ा योग रहा है । Jain Education International N.S.E., p. 1104 ५ Ulster - अल्स्टर आयरलैण्ड के एक परगने का नाम है । आयरलैण्ड के इतिहास और विकास में इसका स्थान महत्त्वपूर्ण है । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003433
Book TitlePaschimi Bharat ki Yatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJames Taud, Gopalnarayan Bahura
PublisherRajasthan Puratan Granthmala
Publication Year1996
Total Pages712
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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