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अनुवादक का आवेदन
प्रस्तुत पुस्तक “राजस्थान के इतिहास"-लेखक कर्नल जेम्स टॉड कृत 'ट्रेवल्स् इन वेस्टर्न इण्डिया' का हिन्दी अनुवाद है । मूल-ग्रन्थ की रचना, उद्देश्य, रचनासमय, इसका वैशिष्टय, ग्रन्थकार की मान्यताओं, इसके एकमात्र संस्करण के प्रकाशन, इसके स्वल्प प्रचार और अधुना इसके अभिनव संस्करण तथा अनुवाद की आवश्यकता आदि विषयों पर अागामी पृष्ठों में मुद्रित 'ग्रन्थकर्ता-विषयक संस्मरण', विज्ञापन, और प्रस्तावना में विस्तार के साथ विवरण दिया गया है। अतः इन विषयों पर इस आवेदन में कुछ लिखना अनावश्यक आवृत्ति ही होगी।
सन् १९५५ ई० में हमारे विभाग के सम्मान्य संचालक श्रीमान् मुनि जिनविजयजी पुरातत्त्वाचार्य ने मुझे इस ग्रन्थ की प्रति अपने निजी संग्रह में से लाकर दी और यह आदेश दिया कि "यह बहुत दुर्लभ्य पुस्तक है और राजस्थान तथा उससे सम्बद्ध गुजरात एवं सौराष्ट्र प्रदेशों के इतिहास, संस्कृति और तत्कालीन राजनैतिक परिस्थितियों तथा भौगोलिक वर्णनों के कारण अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है । इसका यदि हिन्दी रूपान्तर हो जाय तो बहुत उत्तम होगा; इससे इतिहास और संस्कृति के शोधविद्वानों को बहुत सहायता मिल सकती है । इसका अंग्रेजी में पुनर्मुद्रण दुष्कर है; इस ओर किसी का ध्यान भी नहीं है और न इस पुस्तक की प्रतियाँ कहीं आसानी से मिल ही सकती हैं। कर्नल टॉड के समय से लेकर अब तक बहुत-सी खोज होकर कई नई बातें सामने आ चुकी हैं और उनके द्वारा उसकी मान्यताओं का संस्थापन या निराकरण भी किया जा सकता है। आपने अलेक्जेण्डर किन्लॉक फार्बस् कृत 'रासमाला' का अनुवाद किया है। उस पुस्तक का विषय बहुत कुछ इस पुस्तक में वर्णित स्थलों, पाख्यानों और ऐतिहासिक घटनाओं आदि से मेल खाता है। यदि इस कार्य को अवकाश के समय धीरे-धीरे कर डालो तो अच्छा है । हम इसे अपने तत्वावधान में काम करने वाली किसी संस्था से प्रकाशित करना चाहते हैं।" मुझे अपनी सीमित योग्यता, इतिहास, अंग्रेजी और हिन्दी भाषा पर अपेक्षित अधिकार की कमी तथा कार्यालयीय दायित्व के होते हुये अवकाश की स्वल्पोपलब्धि का ध्यान था, परन्तु कुछ तो पुस्तक की आकर्षकता और विशेषता और कुछ "प्राज्ञा गुरूणां परिपालनीया"
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