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प्रकरण • ४, सिरोही के राव से भेंट
[१ स्वीकृति-सूचक हाथ से स्पर्श किया और यह कह दिया कि ये सब बाद में ले लिए जायेंगे जब उनकी आर्थिक दशा सुधर कर वे इनको देने की स्थिति में आ जायेंगे, इसलिए वह सब सामान उनके सामान्य-से तोशाखाने में वापस भेज दिया गया। यह तरीका पूर्व के रिवाज से पूरी तरह मेल खाता है; ऐसी परिस्थिति में भेंट का न लेना कभी अपमान-सूचक नहीं माना जाता। राव श्योसिंह सत्ताईस वर्ष का सुपुष्ट युवक था परन्तु कद में कुछ छोटा था; यद्यपि उसके चेहरे से बहुत ज्यादा समझदारी व्यक्त नहीं होती थी परन्तु उसका वर्ण गोरा था और वह देखने में भद्दा नहीं था। उसमें वह वीरता थी जो प्रत्येक चौहान की पैतृक संपत्ति मानी जाती है । परन्तु, शासन संबंधी अनुभव की कुछ कमी थी क्योंकि उसकी अब तक की ज़िन्दगी मीणों, कोलियों और अत्यन्त भयङ्कर पड़ोसी जोधपुर वालों के हमलों तथा अपने प्रमुख सामन्त नीमाज के ठाकुर की छल-कपटपूर्ण चालों का मुकाबला करने में बीती थी। इस नीमाज के सरदार की शत्रुता का नमूना अब तक भी उस महल में मौजूद था, जहाँ वह तूफान की तरह घुस आया था और उसने विशाल दर्पणों तथा दीवानखाने की अन्य सजावट की चीजों की अपने भाले से किचे किर्चे कर डाली थी। एक दूसरे अवसर पर यही निर्लज्ज विद्रोही जोधपुर की सहायता से अपने स्वामी के विरुद्ध सेना चढ़ा लाया, जब कि वह तो राव को अपदस्थ कराना चाहता था और राठौड़ उन दोनों ही को आधीन करने की ताक में था । यदि पहले ही से सब काम योजनाबद्ध होते तो सम्पूर्ण नगर पर अधिकार हो जाता, परन्तु सौभाग्य से १८०७ ई० की सन्धि ने (उनको) योजना का त्याग करने को बाध्य कर दिया था। सिरोही विस्तृत है; मकान अच्छे और ईंटो के बने हुए हैं परन्तु इनमें से अब भी प्राधे खाली पड़े हुए हैं ; पानी बीस से तीस हाथ तक नीचा है। महल या राज-प्रासाद एक हल्की सी ऊँचाई (पहाड़ी) की ढाल पर बना हुआ है, परन्तु इसमें स्थापत्य-कला के सौन्दर्य-सम्बन्धी कोई ऐसी बात नहीं है जिस पर गर्व किया जा सके । आबू देवड़ों का प्राकृतिक किला है, परन्तु राव मान की मृत्यु के बाद, जिसको यहाँ पर विष दिया गया था, इस स्थान के निवास को चित्तौड़ की तरह तलाक दे दी गई है। ___ सिरोही उन बहुत से उदाहरणों में से है, जो यह प्रमाणित करते हैं कि राजपूताने में, कर्तव्य पूरा करने या न करने की दशा में भी बना रहने वाला राजाओं का 'देवी अधिकार,' मनु की आज्ञा होने पर भी और स्थानों की अपेक्षा, अधिक अमान्य है। उनके वंश एवं आधीनता के अधिकार से सम्बन्धित शक्ति, जो उनके नियम एवं परम्परा को धारण करने तक अक्षण्ण रहती है, इनमें से
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