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प्रकरण - ४; भीलों का रहन-सहन
[६१ पीतल के विशेष प्रकार के मँजीरों की ताल पर गा रही थीं । वे राव के आगेप्रागे चल रही थीं, जो अपने सभी सामन्तों के साथ मुझे नगर में लिवा ले जाने के लिए आगे आये थे । मैं शहर में होकर निकला और दक्षिण की ओर प्राधा मील की दूरी पर डेरे में ठहरा ।
ज्यों ज्यों हम आगे बढ़ते जाते थे बाबू को शालीनता भी बढ़ती जाती थी। अब वह यहां से द० १० पू० से द० २५° प० में था; प्रातः ६ बजे तीसरे पहर ३ बजे और शामको ६ बजे थर्मामीटर ८६°, ६८° और ६२° पर तथा बँरॉमीटर २८०७५', २८°७०' व २८°७५ पर था।
जून ६ वीं-सिरोही-प्राज सुबह ८ बजे दोपहर में, ३ बजे और शामको ५ बजे बॅरॉमीटर क्रमश: २८°७५', २८°७७', २८°७५' व २८°७०' पर था और थर्मामीटर ८४°, ६५°, ६२° और ६२. बतला रहा था। दोपहर बाद कुछ नई टाटियां प्राप्त हो गई जिनसे किसी अंश में मुझे ठंडक मिल सकी । मैं यहां पर एक दिन इस रियासत के बारे में व्यक्तिगत रूप से जानकारी प्राप्त करने के लिए ठहरा । यह यद्यपि बहुत छोटी रियासतों में है परन्तु प्रसिद्धि में राज. पूताना की अन्य किसी भी रियासत से घट कर नहीं है । मेरे ख्याल से इस रियासत के विशेष अधिकार हैं क्योंकि १८१७-१८ ई० की पूर्ण शांति के बाद से ही इसके सम्पूर्ण राजनैतिक सम्बन्ध मेरे अधीन रहे हैं और मेरे ही प्रयत्नों से इसकी राजनैतिक एवं सामाजिक स्वतंत्रता की रक्षा इसके शक्तिशाली पड़ोसी मारवाड़ राज्य से हो सकी थी जो बड़े-बड़े बहानों के आधार पर इसे अपने अधीन होने का दावा करता था। उन अधिकारियों का विश्वास प्राप्त कर के जो उस समय मारवाड़ और ब्रिटिश सरकार के बीच मध्यस्थता कर रहे थे, इन दावों की पुष्टि, दलीलों और लेखबद्ध प्रमाणों द्वारा इतनी अच्छी तरह की गई थी कि उन्होंने करीब-करीब गवर्नर-जनरल मार्कुइस हेस्टिग्स की स्वीकृति प्राप्त कर ही ली थी। परन्तु, अन्य कितने ही अवसरों की तरह, इस अवसर पर भी इन प्रदेशों की उलझी हुई अन्तरप्रदेशीय राजनीति के ज्ञान के आधार पर इस मामले की गुत्थियों को सुलझाने में मुझे सफलता मिली और मैं देवड़ों की भूमि को उनके शक्तिशाली विरोधियों के निर्दय कर-संग्राहकों के चंगुल से बचा सका।
हां, तो हम अपनी राजनीति पर वापस आते हैं । जोधपुर के वकील राजा अभयसिंह के समय से (सिरोही के रावों से) कर और नौकरी लेने का हक जाहिर करते हैं। मुझे उन्हीं के इतिहास से इसके प्रतिकूल प्रमाण मिले जो बताते हैं कि यद्यपि सिरोही के हिस्सेदारों ने जोधपुर के राजाओं की
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