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प्रकरण ४
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बोजपुर (Beejipoor ) ( विजयपुर] प्रशबली का वृश्य ; ऋतु की प्रतिकूलता ; रायं ( Rayn ) पुरजी [ राणपुर ] का मन्दिर ; सिक्के पुराने कस्बे ; जैन साधुनों के प्रति राणाजी का सम्मान ; बीजीपुर की भ्याद [भायात] ; सीरिया और सौर प्रायद्वीप के बीच धार्मिक श्राचारों के विषय में श्रादान प्रदान : सूर्यपूजा ; बोरगांव; मोणों के गाँव; मीणों के झगड़े का उपाख्यान ; तेज गर्मी की मात्रा के चौखटे पर विभिन्न प्रभाव ; बही ( Buhee); देवड़ा राजपूतों की राजधानी ; सिरोही (Sarchi) ; शिवमन्दिर ; चौहाणों के इण्डोगेटिक (Indo-Getic) रीति-रिवाज ; सिरोही राज्य की दशा ; लेखक के प्रत्यनों से इसका मारवाड़ की अधीनता से छुटकारा ; इस प्रयत्न के लाभप्रद परिणाम ; भारतीय राजाश्रों के प्रति बरतने योग्य नीति; बृटिश भारत में कानूनी संग्रह-ग्रंथ का प्रभाव; सिरोही का भूगोल; पूर्व यात्रियों द्वारा राजपूतों का वर्णन ; शव से मुलाकात ; राजधानी का वर्णन ; देवड़ों का पूर्व इतिहास |
जब मैं शीतलामाता की घाटी पार करके निकला तब प्रायः दोपहर हो चुका था और ज्यों ही मुझे आबू का ऊँचा शिखर दिखाई पड़ा त्यों ही मेरा हृदय खुशी के मारे उछलने लगा और मैं 'सायराक्यूस के सन्त' की तरह कह उठा 'यूरीका' अर्थात् 'मिल गया' ।' अगले श्राध घण्टे ने मुझे अपने डेरे में बीजीपुर पहुँचा दिया - थर्मामीटर ६८ और बॅरॉमीटर २८ ६०' द्वारा, मेवाड़ के मैदानों और अरावली के किनारे-किनारे दोनों ओर फैले हुए मारवाड़ के ऊँचे मैदानों में, ५०० फोट की ऊँचाई का अन्तर बतला रहे थे । तीन बजे (दिन) बॅरॉमीटर २८° ५० और थर्मामीटर १०२° पर थे और पश्चिम में बादल
हो रहे थे तथा गरम हवाएं जंगल में सिराको ( Sirocco ) बवण्डर उड़ा रही थीं । जब मैंने गरम श्रीर सूखी रेत में खड़े होकर, जिस पर मेरा डेरा गड़ा हुआ था, उन ऊंचे और प्रसन्नता भरे स्थानों की ओर देखा जिनको मैं पीछे छोड़
१ श्रार्कमिदोस नामक ग्रीक वैज्ञानिक को पानी की उछाल के कारण विभिन्न धातुत्रों के तौल में भिन्नता आने का रहस्य उसके स्नानागार में, जब वह टब में उतरा तब, अचानक सूझ पड़ा तो इस खोज की खुशी में वह नंगा ही बादशाह के दरबार में 'यूरीका' 'यूरीका' ( मिल गया, मिल गया) चिल्लाता हुआ दौड़ पड़ा क्योंकि बादशाह ने अपने स्वर्ण मुकुट में मिलावट को जाँच करने के लिए उससे कह रखा था ।
सिरॉको (Sirocco ) इटली में अफ्रीका से समुद्र पार करके आने वाली धूल भरी सूखी हवाओं को कहते हैं । यह शब्द प्रायः दक्षिण से आने वाली गरम और नम हवाओं के प्र में भी प्रयुक्त होता है ।
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