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प्रकरण • ३; सैरिया लोग
[४५ प्रमाण भी प्राप्त हो गये थे, कैद कर लिया। दुर्भाग्य से, इस मामले को अपनी ही समझ से. न निपटाकर लॅ० हॅपबर्न उन कैदियों को छावनी में ले पाए और कर्नल लडलौ को व मुझे घपले में डाल दिया। मेरे द्वारा नतीजे की सूचना राणाजी के पास भेजी गई और ऐसे दुस्साहसपूर्ण कार्यों को रोकना आवश्यक होने के कारण कर्नल लडली को उनमें से पांच या छः अगुवा भोलों को चुनने का आदेश दिया गया। फिर वे लोग राणाजी के एक विश्वासपात्र अधिकारी को सौंप दिए गए जिसने उनको दी हुई फाँसी की सजा का भुगतान कर दिया और उनको सरहद के उन स्थानों पर लटका दिया जहां वे लूटमार किया करते थे। उनमें से पाँच को तो सज़ा दे दी गई परन्तु एक को उसकी युवावस्था व मेरी प्रार्थना के कारण राणाजी के अधिकारी ने छोड़ दिया। बाद में, उसे मेरे पास जीवनदान के लिए धन्यवाद देने को उपस्थित किया गया और उसने भविष्य में ऐसे हमलों में कभी भाग न लेने की प्रतिज्ञा की । वह उन्नीस वर्ष का था; मंझला कद, दुबला-पतला किन्तु गठीला शरीर; चेहरा चमकदार स्पष्ट ताम्र वर्ण, आँखें और बाल घने काले; और यद्यपि वह डरा हुआ और इस नवीन परिस्थिति से अभिभूत था फिर भी, जहां तक अनुमान किया जा सकता है, उसके चेहरे का सरलभाव उसमें दोषों का नितान्त अभाव ही व्यक्त कर रहा था। इस आवश्यक कठोरतापूर्ण घटना का दुःख मेरे हृदय से बहुत समय तक दूर न हुआ और विशेषकर तब जब कि मुझे प्रमाण में यह बताया गया कि फौजी टुकड़ियाँ बाँसों की अपेक्षा भीलनियों की तलाश में अधिक घूमा करती थीं। हत्या के अपराध के अतिरिक्त मुझे मृत्युदण्ड अच्छा नहीं लगता; योग्यतानुसार जुर्माने और सम्पत्ति से वञ्चित करने के दण्ड अधिक प्रभावशाली सजा का काम करते हैं ।
. भीलों के ही विशाल परिवार में सैरिया (Saireas) जाति के लोगों को मानने में मुझे कोई आपत्ति नहीं है। ये लोग मालवा और हाड़ोती को विलग करने वाले पहाड़ों और उन की ऊँची नीची सभी श्रेणियों में बसे हुए हैं जिनकी कुछ शाखाएं तो मालवा के पठार के किनारे से चन्देरी और नरवर में होती हुई गोहद (Gohud) में जाकर समाप्त हो गई हैं और कुछ बुन्देलखण्ड की पहाड़ियों में जाकर मिल गई हैं, जिनमें पहले सरजा (Sarja) जाति के लोग बसते थे, जो अब नहीं मिलते, परन्तु बहुत करके वे मध्य भारत के सैरिया ही थे। राजपूतों की राज करने वाली छत्तीस जातियों में एक सरी-अस्प (Sariaspa)'
१ एनल्स, १९२०; पृ० ६८-६९ पर छत्तीस राजकुलों में 'सरवैया' नाम है।
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